Small Business Idea : इस छोटे बिजनेस से महीने के 1 लाख रूपये से लेकर 5 लाख रूपये तक कमाए

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Small Business Idea

Bee keeping and Honey Processing business : मानव के सबसे अच्छे मित्रों में किसी कीट की गड़ना होती है तो वह मधुमक्खी है और मधुमक्खी (Bee) सामाजिक कीट का सर्वोत्तम उदाहरण है. यह कीट हाईमेनोप्टेरा गण के एपिस वंश के अंतर्गत आता है. मधुमक्खी पालन एक लघु व्यवसाय (small business) है. जिसमे हमें बहुगुणी शहद और मोम प्राप्त होता है.

इसके साथ-साथ मधुमक्खी का कृषि उत्पादन बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण योगदान है. क्योंकि अधिकतर फसलों पर परागकण क्रिया में भी यह सहायक है. अतः कहा जाता है की कीट किसानों का सच्चा मित्र है. यही कारण है की मधुमक्खी पालन धीरे-धीरे ग्रामीण कुटीर उद्योग का रूप धारण कर रहा है. भारतीय पर्यावरण एवं प्रचुर वन सम्पदा को देखते हुए यह तय है की मधुमक्खी पालन की बहुत उपयोगिता है.

मधुमक्खी पालन के Business में केंद्र सरकार की तरफ से मिलती है 85% सब्सिडी

मधुमक्खी पालन का Business लाइफ चेंजिंग साबित हो सकता है. यह बिजनेस कृषि क्षेत्र से जुड़ा है. एग्रीकल्चर में कारोबार शुरू करना हमेशा से मुनाफे वाला रहा है. मधुमक्खी पालन (Beekeeping business) कम लागत में अच्छा मुनाफा देने वाला धंधा है. बिजनेस सेटअप करने में आपको खुद केंद्र सरकार आपकी मदद करती है. बिजनेस में करीब 85% तक सब्सिडी मिलती है और कमाई 5 लाख रुपए तक है.

beekeeping and honey processing business plan hindi

मधुमक्खी पालन के बिजनेस में लागत

शुरुवात में Bee Keeping Business को कम लागत में किया जा सकता है. मधुमक्खियों का पालन पेटी के आधार पर होता है दश पेटियों के मधुमक्खी पालन लगभग 35,000 से 40,000 हजार खर्च होते हैं. बाद में ये संख्याएं स्वतः ही बढ़ता जाता है क्योंकि मधुमक्खियां प्रजनन के माध्यम से बढ़ती जाती है.

मधुमक्खी और उसका परिवार

मधुमक्खी सामाजिक कीट का सबसे अच्छा उदाहरण है मधुमक्खी समूह में रहती है एक समूह में दश से साठ हजार मधुमक्खियां होती है पूरा समूह एक इकाई है जिसे मधुमक्खी परिवार या मौन वंश (बी कालोनी) कहते हैं. यदि कोई मधुमक्खी अपने वंश से बिछड़ जाये तो एक या दो दिन में ही मर जाती है.

छत्तों से शहद निकालना, पकाना एवं भण्डारण

छत्तों से शहद निकालने के लिए जगह साफ़ हवादार तथा प्रकाशवान होनी चाहिए लेकिन मौनों की पहुंच से दूर रहना चाहिए, निष्काशन के लिए निष्काशन यंत्र छत्ते छिलने के लिए धारदार छुरी, थाली, ब्रश, धुआंकर साधन एवं संग्रह करने का बरतन तथा एक स्टोव या गैस आवश्यक है.

मधुमक्खी पालन के बिजनेस में फायदा व कमाई

Bee Keeping Business में हर महीने 5 लाख तक की कमाई हो सकती है. बाजार में शहद की मौजूदा कीमत- 700 रुपए से 900 रुपए तक है. अगर प्रति बॉक्स 1000 किलोग्राम की शहद बनाते हैं, तो आपको 9,00,000 रुपए (9 लाख) तक का शुद्ध मुनाफा होगा. अगर आप बड़े स्तर पर मधुमक्खी पालन करना चाहते हैं तो 100 बॉक्स के साथ यह काम शुरू कर सकते हैं.

अगर 40 किलो प्रति बॉक्स शहद मिले तो कुल शहद 4 हजार किलोग्राम होगा. कम से कम मूल्य अर्थात 500 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से 400 किलो शहद बेचने पर 20 लाख रुपए मिलेंगे. इस तरह देखा जाये तो मधुमक्खी पालन का Business – high profitable small business है जिसमे अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है.

मधुमक्खी पालन के बिजनेस में लाभ – Profit in Beekeeping Business

  • मधुमक्खी द्वारा उत्पन्न शहद आमदनी का अच्छा स्त्रोत है.
  • मधुमक्खियां रॉयल जैली और डंक से विष उत्पन्न करती है. इनका औषधीय महत्व है और इससे विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है.
  • मधुमक्खियां पर-परासरण के माध्यम से फसल की उत्पादकता 20 से 30 बढाती है.
  • इसकी देखभाल सरलता से हो पाने के कारण इसमें युवाओं क्षात्रों खेतिहर महिलाओं अथवा मजदुर महिलाओं को रोजगार मिलता है.
  • मधुमक्खियां स्वयं की आमदनी का स्त्रोत होती है. नई पेटियों और उद्योग को बढ़ाने के लिए इनकी बिक्री की जाती है.
  • शहद निकालने के लिए जब पेटियों को खोला जाता है तब गहरे भूरे रंग की पतली रेजिन के सामान गोंद प्रोपोलिस मिलती है. मधुमक्खियां इसे पेड़ों से लाती है और इसका उपयोग पेटियों की दरारों को बंद करने अथवा पेटी के भागों को चिपकाने में करती हैं. इसका उपयोग दीवारों पर पालिश करने, त्वचा के घाव भरने और औसधियों के लिए किया जाता है.
  • मधुमक्खियां मोम का उत्पादन तरल स्त्राव के रूप में करती है जो पतली पर्त के रूप में जमा होता है. मधुमक्खियां अपने पैरों की सहायता से उसे हटाती है और दातों की सहायता से गूंधती है जिसका उपयोग मधुकोष्ट या कोशिका बनाने में होता है. एक वर्ष में एक पेटी से 300 ग्राम स्वस्छ मोम प्राप्त होता है. इस मोम का उपयोग छत्ते की शीट, औसधियाँ, महँगी पालिश और वार्निश बनाने में होती है.
  • मधुमक्खियां पराग एकत्रित करती है और उसे छत्ते की कोशिका में भारती है साथ ही कुछ शहद भी इसमें छोड़ती है जिससे यह ढीली पावरोटी या लोई के सामान हो जाता है और तरुण लावों को खिलाने के काम आता है.
  • पराग एक महंगा निवेश है जिसका मूल्य बाजार में अधिक होता है. मधुमक्खियां पराग को अपने पिछले पैरों की सहायता से एकत्रित करती है. यह पराग उसकी आवश्यकता से अधिक होती है. अतरिक्त पराग की पेटी के प्रवेश मार्ग पर टेप लगाकर एकत्रित किया जा सकता है. जब मधुमखियां टेप से गुजरेंगी तो पराग बिखर जायेगा जिसे पात्र में एकत्रित किया जा सकता है इसका बाजार मूल्य से अतरिक्त आमदनी प्राप्त की जा सकती है.

आखिर में

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