मानसिक तनाव से मुक्ति के उपाय | How to Reduce Stress

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मानसिक तनाव से मुक्ति के उपाय

How to reduce stress : आज के समय में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो तनाव से ग्रस्त ना हो, चाहे वह किसी भी व्यवसाय पेशा से जुड़ा हो या सरकारी नौकरी से, परन्तु किसी ना किसी तरह की मानसिक तनाव सभी को व्याप्त है. और यही तनाव सभी चिंता और बिमारियों का जड़ है।

इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे जैसा की blog post का टाइटल है — मानसिक तनाव से मुक्ति के उपाय (ow to reduce stress) साथ ही मानसिक तनाव से कैसे बचें, मानसिक तनाव को कैसे दूर करें? इत्यादि सवालों के जवाब इस लेख के माध्यम से प्राप्त करें.   

मानसिक तनाव क्या है और क्यों होता है – What is Mental stress hindi

वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति मानसिक तनाव से घिरा हुआ है….. व्यक्ति अपनी रोज मर्रा की जिंदगी में खुश कम और चिंता और परेशानी में ज्यादा नजर आता है. आज व्यक्ति अपना सारा बल अपनी ऊर्जा को मानसिक तनाव से दूर होने में ही खपत कर देता है.

ऐसे में सोचने वाली बात है कि वह अपने जीवन में क्या नया कर पायेगा या यु कहें की इतिहास गढ़ पायेगा. यह पूरी तरह स्पष्ट है की हमारा सबसे बड़ा दुश्मन मानसिक तनाव ही है. यहां तक के विज्ञानं का भी मानना है कि तनाव के वजह से व्यक्ति ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक जैसे अन्य हजारों बिमारियों का शिकार होता है.

वह तनाव ही है जो व्यक्ति को अंदर से खोखला कर देता है. आप स्वयं ध्यान दीजिये – पहले व्यक्ति लम्बे समय तक बूढ़ा नहीं होता था, परन्तु आज ऐसा नहीं है. व्यक्ति कम उम्र में ही बूढ़ा हो जा रहा है, बाल झड़ जा रहें है, और शरीर अनेक बिमारियों से ग्रस्त होता जा रहा हैं.

मानसिक तनाव को दूर करने की कोई औषधि बाजार में उपलब्ध नहीं है. भले ही हम डॉक्टर के पास जाकर के दवाइयां लेते है, परन्तु क्या उससे हमारी सभी प्रकार की tension तनाव दूर हो जाता है.

हालांकि इन औषधियो के उपयोग से हमें कुछ समय के लिए राहत जरूर मिलता है. पर लम्बे समय के लिए मानसिक तनाव से छुटकारा दिलाने में ये औषधियां नाकामयाब होती हैं.

मानसिक तनाव से होने वाली हानियां – Disadvantages of Mental stress

मानसिक तनाव से केवल भारत देश नहीं अपितु पूरा संसार जूझ रहा है. व्यक्ति जितना ज्यादा व्यस्त है उतना ही अधिक वह तनाव से ग्रस्त है. माना जाता है की हर 3 में से एक व्यक्ति की मृत्यु मानसिक तनाव के वजह से होती है. क्योकि मानसिक तनाव से ही….

  • रक्तचाप
  • हृदयरोग
  • मस्तिष्क रोग
  • पेट संबधित रोग व अन्य हजारों प्रकार के बीमारियां चिंता के वजह से ही होते हैं.

डॉक्टरों के अनुसार – चिंता का सीधा-सीधा सम्बन्ध पाचन तंत्र से है. जिसके कारण

  • पेट दर्द
  • भूख ना लगना
  • नींद ना आना
  • नाड़ियों का सिथिल पड़ जाना आदि अनेक बीमारियां होती है.

उच्च वर्ग के लोगों को

  • ब्लड प्रेशर
  • अपच
  • अजीर्ण आदि अनेक बीमारियां घेरे रहती हैं.

चिंता की वजह से नाड़ियां सिथिल पड़ जाती है जिस वजह से रक्त संचार सुचारु रूप से नहीं हो पाता, परिणामस्वरुप हृदय को उतना रक्त नहीं मिल पाता जितनी की आवश्यकता है. नतीजन हार्ट-अटैक की सम्भावना बढ़ जाती है.

ऐसे में डॉक्टरों के द्धारा उपचार किये जाने पर क्या लाभ होगा जब बिमारियों का मूल कारण चिंता है. 

जरा सोचिये अगर चिंता ही ना हो तो व्यक्ति अनेकों बीमारी से छुटकारा पा सकता है इसलिए कृपया ऐसे कदम जरूर उठाये जिससे चिंता मुक्त होकर आनंदमय जिंदगी जियां जा सके.

मानसिक तनाव से मुक्ति के 6 बेहतर उपाय – How to Reduce stress in hindi

लोगों की किताबें पढ़ें तनाव मुक्त रहें

1. जो होना है उसके बारे में अत्यधिक ना सोचें

जो घटना घटनी है वह तो घटकर ही रहेगा तो क्यों उसके बारें में फालतू का सोंच-सोंच कर अपने मस्तिष्क में tension लेना। यदि आपकी जिन्दगी में कोई दुर्घटना घटित हो गयी है, तो आपको उसपर चिंता करने के बजाय उस परिस्थिति को स्वीकार कर लेना चाहिए, ऐसा करके आप परेशानियों पर आधी विजय प्राप्त कर लेते हैं.

कहने का तात्पर्य यह है की जो घटनाएं घटित होगी उसे आप और हम टाल तो सकते नहीं। और घटना घट भी गयी तो चिंता में डूबे रहने से विपत्ति का सामना तो होगा नहीं ।।। बेहतर यह होगा की जो समस्या है उसका हल निकाला जाय और उससे संघर्ष कर विजय प्राप्त किया जाएं। चिंता, मानसिक तनाव से मुक्ति का पहला मूलमंत्र यही है की पूर्णतः मानसिक रूप से स्वस्थ रहें, और जो होना है उसे स्वीकार कर लें।   

2. जो नहीं होनेवाला उसके बारे में चिंता ना करें

हमारे मन में अनेक प्रकार की धारणाएं चलती रहती है, और हम सोंच-सोंच के परेसान होते रहतें है जैसे –

  • मुझे व्यापार में हानि हो गया तो मै क्या करूँगा
  • यदि एक्सीडेंट हो गया तो क्या होगा
  • नौकरी छूट जाएगी तो मेरा क्या हाल होगा
  • यदि मै दिवालिया हो गया तब क्या होगा

इस तरह की बेतुकी चिंता करना शरीर के लिए ठीक नहीं है।

इसे समझने के लिए एक छोटी सी आत्म कथा है इसे पढ़ें –

“” किसी समय एक व्यक्ति बहुत चिंतित था , अपने आप को इतना अधिक चिंतन में देख कर उसने सोचा एक लिस्ट बनाई जाय की मै किन -किन कारणों से चिंतिति हूँ , और उसने लिस्ट तैयार की लिस्ट के अनुसार 4 कारण उसे नजर आए, अपनी चिंता के और वे इस प्रकार थे –

  • मेरा एकलौता पुत्र बहुत ही बीमार है, वह नहीं रहा तो मै क्या करूँगा ?
  • मेरा मकान का हालत बहुत ही जर्जर है, और बहुत कमजोर है दीवाल कहीं हमारे ऊपर गिर गया तो ?
  • मेरे पास अब पैसे बहुत ही कम बचें है, गुजारा कैसे होगा ? 
  • बेटी बड़ी हो गयी है, जल्दी सगाई नहीं हुई तो क्या होगा ?

वह व्यक्ति इन चारों बातों को लेकर बहुत चिंतित था, और रोज इस चिंता से वह घुटने लगा उसकी शारीरिक क्षमता थोड़ी कमजोर हो गयी। उसने जो 4 परेशानियों का लिस्ट बनाया था उसे एक पुस्तक में दबा दिया, और अपने कार्यों में लग गया।

एक साल बाद जब वह पुस्तक पढ़ रहा था, तो पन्ना पलटते-पलटते उसे वह दबा हुआ लिस्ट दिखाई दिया। आज की स्थिति में उसका पुत्र सही इलाज़ होने के बाद ठीक था, व्यक्ति को दूसरा अच्छा job भी मिल गया था, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक था, घर का भी मरम्मत हो चूका था, और कुछ दिन बाद बेटी की सगाई भी थी। 

इससे यह पता चलता है की वह 4 कार्य तो होना ही था, तो अत्यधिक चिंता के कारण मानसिक तनाव से गुजरा वह तो बेकार हो गया। तो दोस्तों क्या मतलब ऐसे फालतू का चिंता करने का जो समय के साथ होना ही है।   

3. तनाव व चिंता को समाप्त कीजिये वरना तनाव आपको समाप्त कर देगा 

व्यक्ति और चिंता के बीच हमेसा बराबर का संघर्ष चलता रहता है, या तो चिंता आपको मिटा देता है या आप चिंता को मिटा देते हो। तो आखिर बात यह आती है की चिंता को मिटाये किस प्रकार।।। चिंता (तनाव) को मिटाने के लिए आपके पास दो रास्तें है-

पहला यह कि जिस वजह से चिंता व्याप्त है उन कारणों का पता लगाएं और उसे ठीक करें उसका हल निकालें.

दूसरा माध्यम यह है की आप जो कार्य कर रहे हैं उसमे अपना पूरा-पूरा ध्यान और एकाग्र मन लगाएं. ताकि अन्य ख्याल या फालतू का तनाव चिंता वाले सोंच आपके मन में ना आये।

क्योंकि जब आप कुछ नहीं करते, ऐसे ही खाली रहते हैं तब मस्तिष्क में अनेक गलत विचार उत्पन्न होतें है जो मानसिक तनाव का कारण है. आपने ध्यान दिया होगा चिंता उसी समय हावी होता है, जब आप खाली होतें है… जैसे रात में सभी काम से निपटने के बाद। 

मानसिक तनाव से बचने के लिए निम्न उपाय का पालन करें –

  • तनाव से बचने के लिए आप अपने कार्यो में लगे रहिये
  • दोस्तों से घुलिये-मिलिए और बातें कीजिये
  • किताबें पढ़िए
  • योगा कीजिये
  • अपने अधूरे पड़े कामों को पूरा कीजिये
  • परिवार के सांथ घूमने जाइये
  • प्रकृति का पूरा-पूरा आनंद लीजिये
  • अपने जीवन में इसकदर खुश और मस्त हो जाइये कि मानसिक तनाव के लिए time ही ना हो आपके पास।  

4. मानसिक तनाव से बचने का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण साधन यह है की दूसरों से कभी उम्मीद मत रखिये 

चिंताओं व मानसिक तनाव का सबसे बड़ा कारण यह है की दूसरों से कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगाए रहते हैं. आज के समय में किसी को भी किसी की परवाह नहीं होती, सभी व्यक्ति स्वार्थी हो गया है.

इसलिए जरूरत से ज्यादा किसी से उम्मीद नहीं लगाना चाहियें, कि मेरे बीमार पड़ने पे मेरा दोस्त आकर मेरा हाल-चाल पूछेगा, बेटे हमारी सेवा करेंगे, आज किसी के पास भी दूसरे के लिए time नहीं है। हमें अपने बुजुर्गों के कहावत “नेकी कर और दरिया में डाल” याद रखनी चाहिए।     

5. जब कोई आपके कार्यों की निंदा करे – तब कार्य करने की क्षमता दुगना कर दीजिये

निंदा को सबसे मधुर रस माना गया है कोई भी व्यक्ति सामने वाले की निंदा कर बहुत खुश होता है। यदि आप कोई ऐसा कार्य कर रहें है जो आज तक किसी ने कर के नहीं दिखाया यदि आप अपने कठिन परिश्रम और अथक प्रयाश से जीवन में ऊपर उठ रहें हैं.

तो यह तैय है कि आपके हजारों दुश्मन पैदा हो गए है और वे आपकी आलोचना, निंदा करेंगे हे क्योकि इससे उनको आनंद की प्राप्ति होती है, उन्हें सुख मिलता है। 

परन्तु ऐसे स्थिति में आप अपने अंदर दुगना जोश भर दीजिये, याद रखिये – सड़क पर पड़े हुए कुत्ते को कोई लात नहीं मारता, परन्तु वहीँ पर कोई घायल शेर पड़ा हो तब हर कोई लात मारकर आनंद लेता है। 

यदि आपकी निंदा, आलोचना हो रही है, तो अपने आप को धैर्यवान बनाइये, धैर्य रखिये, क्योकि समाज का काम ही है टोंकना। जिसने भी अपने life में कुछ अलग करना चाहा है, हजारों आलोचना करने वाले मिले हैं. समाज जो भी बोले आप बस अपने लक्ष्य में ध्यान दीजिये। 

6. मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए कुछ अनमोल वचन दिए गए हैं  

मानसिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए इन उपायों को अपनाएं –

  • हमेसा आज की चिंता कीजिये, कल जो होगा सो कल देखा जायेगा। 
  • जो घटनाएं घटित हो चुकी है उसे भूल जाइये, क्योकि उस घटना को याद रख के क्या फायदा जिसे आप बदल भी नहीं सकते, बीते हुए घटना के चक्कर में अपना आज बर्बाद मत कीजिये। 
  • अपनी जो भी स्थिति परिस्थिति है उसे स्वीकार लीजिये, और फिर अपने लक्ष्य के लिए प्रयास कीजिये, ऐसा करके आप आधी जीत हांसिल कर लेते हैं। 
  • अपनी सभी समस्याओं का list बनाइए जो आपके मानसिक तनाव का कारण हैं, फिर उन सब का समाधान कीजिये। 
  • अपने कार्यों में और अच्छे चीजों में व्यस्त रहिये, ताकि चिंता करने के लिए आपके पास समय ही ना रहे। 
  • तनाव आपको समाप्त कर दे, इससे पहले आप तनाव को समाप्त करें। 
  • व्यर्थ का चिंता उन बातों को सोचकर ना करे, जो आगे चलकर आपके साथ घटित ही ना हो। 
  • अपने समस्याओं से भागिए मत, उसका डट कर सामना कीजिये, और जीत कर दिखाइए। 
  • विनम्र बनिए साहसी बनिए और सहनशक्ति मजबूत रखिये, इससे आप बड़ी से बड़ी तनाव को अपनी जिंदगी से दूर भगा सकते हैं। 

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आखिर में

दोस्तों ये थे – मानसिक तनाव दूर करने के उपाय या मानसिक तनाव से मुक्ति कैसे पाए (How to Reduce stress in hindi) पे छोटा सा लेख

उम्मीद है यह लेख आपके लिए काम का साबित हो और आपकी जिंदगी में कुछ मूल्य डाल सके अगर यह लेख आपको पसंद आये तो shear जरूर करें और हमारे Facebook पेज व Pinterest, Instagram और Twitter को अवश्य like करें।

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