वाक्य क्या है और वाक्य के कितने प्रकार होते हैं?

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Types of sentences in hindi

हिंदी व्याकरण के इस चेप्टर – वाक्य भेद (kinds of sentences) में हम वाक्य क्या है और इसके कितने प्रकार है इत्यादि को बड़ी ही सरलता से जानेंगें – इसलिए Types of sentences की पूरी जानकारी के लिए कृपया लेख पूरा पढ़ें.

वाक्य क्या है – What is sentences

सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे एक उचित अर्थ प्रकट हो वाक्य कहलाता है.

वाक्य की परिभाषा – Sentence definition

शब्दों का वह व्यवस्थित रूप जिससे व्यक्ति अपने विचारों का आदान-प्रदान करता है. वाक्य कहलाता है. वाक्य एक व्यवस्थित समूह होता है जिसका कोई ना कोई अर्थ जरूर होता है जैसे –

  • मै घर जाऊं
  • मे घर जा

ऊपर दिए दोनों शब्दों में – पहले वाले शब्द का उचित अर्थ निकल रहा है इसलिए यह एक वाक्य है. परन्तु “मे घर जा” का कोई अर्थ नहीं निकल रहा इसलिए यह केवल शब्द है वाक्य नहीं.

वाक्य के अनिवार्य तत्व – Essential elements of a sentence

वाक्य के अनिवार्य तत्व निम्न है –

  • सार्थकता
  • योग्यता
  • आकांशा
  • निकटता
  • पदक्रम
  • अन्वय

1. सार्थकता क्या है?

प्रत्येक वाक्य का कुछ ना कुछ अर्थ अवश्य होता है. इसलिए इसमें सार्थक शब्दों का प्रयोग ही होता है.

2. योग्यता क्या है?

वाक्य में प्रयुक्त शब्दों में प्रसंग के अनुसार अपेक्षित अर्थ प्रकट करने की योग्यता होती है. जैसे –

  • चाय खाई

यह एक वाक्य नहीं है, क्योंकि चाय खाई नहीं बल्कि पी जाती है.

3. आकांशा क्या है?

आकांशा का तात्पर्य होता है “इक्षा” वाक्य अपने आप में पूरा होना चाहिए, उसमे किसी ऐसे शब्द की कमी नहीं होनी चाहिए जिससे कारण अर्थ की अभिव्यक्ति में लगे अधूरापन लगे.

जैसे –

  • पत्र लिखता है

इस वाक्य में जो क्रिया किया जा रहा है उसके कर्ता को जानने की इक्षा होगी अतः इसका सहीं वाक्य होगा – राम पत्र लिखता है.

4. निकटता क्या है?

बोलते तथा लिखते समय वाक्य के शब्दों में परस्पर निकटता होना बहुत आवश्यक है. रुक-रुक कर बोले व लिखे गए शब्द वाक्य नहीं बनाते इसलिए वाक्य में प्रयुक्त पद निरंतर प्रवाह में पास-पास बोले या लिखे जाने चाहिए.

5. पदक्रम क्या है?

वाक्य के पदों में एक निश्चित क्रम होना चाहिए

  • सुहावनी है रात चांदनी होती

ऊपर दिए गए शब्द में पदों का क्रम व्यवस्थित नहीं होने के वजह से इसे वाक्य नहीं माना जा सकता. इसका सहीं प्रकार यह होगा – चाँदनी रात सुहावनी होती है.

6. अन्वय क्या है?

अन्वय का अर्थ है – मेल, वाक्य में लिंग वचन पुरुष काल कारक आदि का क्रिया के साथ ठीक-ठीक मेल होना चाहिए

  • बालक और बालिकाएं गई

ऊपर के इस वाक्य में कर्ता और क्रिया का अन्वय ठीक नहीं है. इसके जगह सुद्ध वाक्य यह होगा – बालक और बालिकाएं गए.

वाक्य के अंग – Sentence parts

वाक्य के 2 अंग है –

  • उद्देश्य
  • विधेय

1. उद्देश्य क्या है?

जिसके बारे में कुछ बताया जाता है उसे उद्देश्य कहते हैं जैसे –

  • अनुराग खेलता है
  • श्याम दौड़ता है

ऊपर के दोनों वाक्यों में “अनुराग” और “सचिन” के बारे में बताया गया है अतः यह उद्देश्य हैं. इसके अंतर्गत कर्ता और कर्ता का विस्तार आता है जैसे – परिश्रम करने वाला व्यक्ति सदा सफल होता है.

इस वाक्य में कर्ता “व्यक्ति” का विस्तार “परिश्रम करने वाला” है.

2. विधेय क्या है?

वाक्य में उदेश्य के बारे में जो कुछ भी कहा जाता है उसे विधेय कहते हैं. जैसे

  • अनुराग खेलता है में – खेलता है एक विधेय है.

सरल शब्दों में कहा जाये तो वाक्य से कर्ता को अलग निकालने के बाद जो वाक्य बचता है उसे विधेय कहते हैं.

वाक्य के प्रकार – Types of sentences

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वाक्य अनेक प्रकार के हो सकते हैं इसका विभाजन हम 2 आधारों पर कर सकते हैं –

  • अर्थ के आधार पर और
  • रचना के आधार पर

1. अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार – types of sentences based on meaning

अर्थ के आधार पर वाक्य के 8 प्रकार है जिसकी सूची नीचे दी गई है.

निषेधवाचक (negative sentence)

जिस वाक्य में कार्य ना होने का भाव प्रकट हो उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं जैसे

  • मैने दूध नहीं पिया
  • मैने खाना नहीं खाया
  • तुम मत लिखो इत्यादि.

विधानवाचक (assertive sentence)

जिस वाक्यों में क्रिया के होने या करने का सुचना मिले उसे विधानवाचक वाक्य कहते हैं. जैसे –

  • मैने दूध पिया
  • वर्षा हो रही है
  • राम पढ़ रहा है

आज्ञावाचक (imperative sentence)

जिन वाक्यों में आज्ञा, प्राथना, ज्ञान, उपदेश आदि का ज्ञान होता है. उसे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं. जैसे –

  • बाजार जाकर फल ले आओ
  • मोहन तुम बैठकर पढ़ो
  • बड़ों का सम्मान करो इत्यादि.

प्रश्नवाचक (interrogative sentence)

जिन वाक्यों में किसी प्रकार का प्रश्न पूछने का ज्ञान होता है. उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं. जैसे –

  • सीता तुम कहाँ से आ रही हो?
  • तुम क्या लिख रहे हो?
  • हरीश क्या कर रहा है? इत्यादि.

इक्षावाचक (lllative sentence)

जिस वाक्य में इक्षा आशीष और सुभकामनाएँ आदि का ज्ञान होता है उसे इक्षावाचक वाक्य कहते हैं. जैसे –

  • तुम्हारा कल्याण हो
  • आज तो मै केवल फल खाऊंगा
  • भगवान तुम्हे लम्बी उम्र दे. इत्यादि

संदेहवाचक (sentence indicating doubt)

जिन वाक्यों में संदेह व संभावना व्यक्त होती है उसे संदेहवाचक वाक्य कहते हैं. जैसे –

  • शायद शाम को वर्षा हो जाये
  • वह आ रहा होगा, पर हमे क्या मालूम
  • हो सकता है मोहन आ जाये

विस्मयवाचक (exclamatory sentence)

जिन वाक्यों में आश्चर्य, घृणा, क्रोध, शोक आदि भावों की अभिव्यक्ति होती है उसे विस्मयवाचक वाक्य कहते हैं जैसे –

  • वाह कितना सुन्दर दृश्य है
  • हाय, इसके माता पिता दोनों चल बसे
  • शाबाश तुमने बहुत अच्छा काम किया इत्यादि.

संकेतवाचक (conditional sentence)

जिन वाक्यों में एक क्रिया होना दूसरी क्रिया पर निर्भर करता है. उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं. जैसे –

  • यदि परिश्रम करोगे तो अवश्य सफल होंगे
  • पिताजी अभी आते तो अच्छा होता
  • अगर वर्षा होगी तो फसल भी होगी

2 रचना के आधार पर वाक्य के प्रकार – Types of Sentences Based on Composition

रचना के आधार पर वाक्य के 3 प्रकार होते हैं –

सरल वाक्य/साधारण वाक्य

जिन वाक्यों में केवल एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है. उन्हें सरल वाक्य या साधारण वाक्य कहते हैं. सरल वाक्य में एक ही समापिका क्रिया (करता है, किया, करेगा आदि) होती है जैसे –

  • राकेश पढता है
  • राखी पत्र लिखती है
  • जय ने भोजन किया इत्यादि.

संयुक्त वाक्य

जिस वाक्यों में दो या दो से अधिक सरल वाक्य योजकों (और, एवं, तथा, या, अथवा, इसलिए, फिर भी, किन्तु, परन्तु, लेकिन, पर, अतः, तो, नहीं तो आदि.) से जुड़े हो उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं जैसे –

  • वह सुबह गया और शाम को लौट आया
  • प्रिय बोलो पर असत्य नहीं
  • उसने बहुत परिश्रम किया परन्तु सफलता नहीं मिली इत्यादि.

मिश्रित मिश्र वाक्य

जिन वाक्यों में एक प्रधान मुख्य उपवाक्य हो और अन्य आश्रित (गौण) उपवाक्य तथा जो आपस में कि, जो… वह…., जितना…. उतना… जैसा … वैसा…. जब….. तब…. जहाँ….. वहाँ…. इधर ……उधर आदि से मिले जुले हो उसे मिश्रित वाक्य कहते हैं.

इसमें एक मुख्य उद्देश्य और मुख्य विधेय के आलावा एक से अधिक समापिका क्रियाएं होती है. जैसे –

  • मै जनता हूँ की तुम्हारे अक्षर अच्छे नहीं बनते
  • जो लड़का कमरे में बैठा है. वह मेरा भाई है.
  • यदि परिश्रम करोगे तो उन्तीर्ण हो जाओगे आदि.

वाक्य विग्रह

वाक्य के विभिन्न अंगों को अलग-अलग किये जाने की प्रक्रिया को वाक्य विग्रह कहते हैं. इसे “वाक्य विभाजन” या “वाक्य विश्लेषण” भी कहते हैं.

सरल वाक्य का विग्रह करने पर एक उद्देश्य और एक विधेय बनता है संयुक्त वाक्य में से योजक को हटाने पर दो स्वतंत्र उपवाक्य (यानि दो सरल वाक्य बनते हैं) मिश्र वाक्य में से योजक को हटाने पर दो स्वतंत्र वाक्य यानि दो उपवाक्य बनते हैं.

“सरल वाक्य = 1 उद्देश्य + 1 विधेय

संयुक्त वाक्य = सरल वाक्य + सरल वाक्य

मिश्र वाक्य = प्रधान उपवाक्य + आश्रित उपवाक्य “

types आफ सेंटेंस इन हिंदी से संबंधित प्रश्न

प्रश्न : Sentences कितने प्रकार के होते हैं?

जवाब : sentences मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते हैं हालांकि इसमें प्रथम के अंदर 8 प्रकार होते हैं और दूसरे के अंतर्गत 3 प्रकार.

प्रश्न : सेंटेंस को हिंदी में क्या कहते हैं?

जवाब : सेंटेंस को हिंदी में वाक्य कहते हैं.

आखिर में

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