पर्यावरण और पारिस्थितिकी शिक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण topic है. क्योंकि इसमें ऐसा नहीं है कि… Particular किसी एक Subject की जानकारी के लिए इसे पढ़ा जाये.
यह पर्यावरण, जीवविज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भूगोल इत्यादि सभी विषयों के जानकारी की दृष्टि से important है…. even सामान्य ज्ञान व मानव दायित्व के नजर से पर्यावरण और पारिस्थितिकी का ज्ञान आवश्यक है.
पारिस्थितिकी और पर्यावरण के घटक – Components of ecology and environment
- पर्यावरण
- पारिस्थितिकी
- पारिस्थितिकी तंत्र
- खाद्य श्रृंखला
- पारिस्थितिकी पिरामिड
- जैव मण्डल
- बायोम
- प्रवाल भित्ति
- पर्यावरण प्रदूषण
- अम्ल वर्षा
- जैव विविधता
- हॉट-स्पॉट
- संकटग्रस्त प्रजाति
- विलुप्त प्रजाति
- जलवायु परिवर्तन
- ग्लोबल वार्मिग
- ग्रीन हॉउस गैंस, इत्यादि .
पर्यावरण – Environment
पर्यावरण – हमारे आस-पास के वातावरण में उपस्थित कोई भी वस्तु जिसे हम देख व महसूस कर सकते हैं. पर्यावरण कहलाता है. पर्यावरण के अंतर्गत – जल मण्डल, वायु मण्डल, स्थल मण्डल इत्यादि शामिल है.
अगर सरल शब्दों में कहा जाये तो हमारे आस-पास का वातावरण या हमारे पृथ्वी का वातावरण ही पर्यावरण है.
पारिस्थितिकी – Ecology
पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवों तथा पृथ्वी के चारों ओर निर्मित – जलमण्डल, स्थलमण्डल, वायुमण्डल (वातावरण) इत्यादि के परस्पर संबंध को पारिस्थितिकी (ecology) कहते हैं.
इकोलॉजी शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अर्नेस्ट हेकेल (ernest haecket) के सन 1869 ने अपनी book में किया था.
पारिस्थितिकी तंत्र – Ecosystem
पारिस्थितिकी में हम पुरे पृथ्वी के वातावरण का जीवों से संबंध को अध्ययन करते हैं. परन्तु पारिस्थितिकी तंत्र में किसी विशेष भूभाग का अध्ययन किया जाता है.
पारिस्थितिकी तंत्र छोड़ा भी हो सकता है और बड़ा भी – जैसे किसी घांस स्थल के जीवों का वातावरण के साथ अध्ययन पारिस्थितिकी तंत्र है. ठीक उसी प्रकार – समुद्र के अंदर रहने वाले सभी जीवों का समुद्रीय वातावरण में अध्ययन भी पारिस्थितिकी तंत्र है.
वही तालाब का पारिस्थितिकी तंत्र समुद्र की पारिस्थितिकी तंत्र से छोटा होगा. पारिस्थितिकी तंत्र शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ए. टांसले (A. Tansley) ने सन 1935 में किया था.
जैवमण्डल – biosphere
जैवमण्डल – पृथ्वी के चारों तरफ व्याप्त 30 किलोमीटर मोटी, वायु, जल, स्थल, मृदा तथा शैल युक्त एक जीवनदायी परत होती है जिसके अंतर्गत पौधों एवं जंतुओं का जीवन यापन सम्भव होता है.
सरल शब्दों में कहा जाये तो वहां जीवन व्याप्त है उसे जैवमण्डल कहते हैं.
खाद्य श्रृंखला – food chain
खाद्य श्रंखला (food chain) यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता है. जिसके अंतर्गत उत्पादक, उपभोक्ता और अपघटक आपस में मिलकर खाद्य जाल का निर्माण करते हैं.
पारिस्थितिकी पिरामिड – ecological pyramids in hindi
पारिस्थितिक पिरामिड – पारिस्थितिक तंत्र के अंतर्गत जीवों के जीव भार या उनके ऊर्जा के अनुसार एक अनुपात में विभक्त किया जाता है तब एक चित्र की रचना होती है जिसे पारिस्थितिक पिरामिड कहते हैं – नीचे चित्र देखें –
बायोम – biome
किसी पारिस्थितिकी तंत्र में पौधों, प्राणियों, सभी जीव जंतुओं के सम्मिलित रूप को बायोम (biome) कहते हैं.
प्रवाल भित्ति – coral reef
प्रवाल भित्ति एक छोटा जीव है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसकी रचना को आंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है. प्रवाल भित्तियां समुद्र में मनमोहक रूप से रंग-बिरंगी दिखाई देती है.
इसके ऊपर कैल्सियम कार्बोनेट की परत पायी जाती है. यह अत्यधिक गहराई में नहीं पायी जाती, क्योंकि इन्हे जीवित रहने के लिए सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है. जो अत्यधिक गहराई पर नहीं मिलती.
साथ ही यह समुद्र के किनारे पर भी नहीं पायी जाती, क्योंकि यहाँ अत्यधिक मात्रा में गन्दगी और प्रदूषण उपस्थित होता है. प्रवाल भित्तियां समुद्र के (coral reef) साफ सुथरे जल पर पायी जाती है.
पर्यावरण प्रदूषण – environmental pollution
मानव क्रियाकलापों द्वारा पर्यावरण को होने वाला नुकशान पर्यावरण प्रदूषण कहलाता है. पर्यावरण प्रदूषण के अंतर्गत निम्न आते हैं –
- वायु प्रदूषण
- जल प्रदूषण
- मृदा प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- समुद्रीय प्रदूषण
- रेडियोधर्मी प्रदूषण
- तापीय प्रदूषण
- आन्तरिक प्रदूषण
- ठोस कचरा प्रदूषण
- ई कचरा प्रदूषण, इत्यादि.
- प्रदूषण की पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें – प्रदूषण क्या है?
प्रदूषण के वजह से होने वाले सैकड़ों प्रकार की बीमारियों से तो आप भली भांति परिचित हैं. नीचे कुछ बिमारियों का लिस्ट दिया गया है जो प्रदूषण के कारण होती है.
प्रदूषण संबंधित बीमारियां –
- श्वसन तंत्र की बीमारियां
- आँखों में जलन
- दमा
- हीमोग्लोबिन के निर्माण में बाधा
- कैंसर जैसी घातक बिमारियों का होना
- पीलिया
- टाइफाइट
- हैजा
- दस्त
- पेचिस
- कैडियम
- ब्लूबेबी सिंड्रोम
- ध्वनि प्रदूषण से श्रवण कौशल में कमी
- उच्च रक्तचाप
- अल्सर
- कोलेस्ट्रॉल
- अनिद्रा इत्यादि, बीमारियां.
अम्ल वर्षा – acid rain
अम्ल वर्षा – सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड बारिस के जल में मिलकर नाइट्रिक अम्ल का निर्माण करते हैं, जब यह बारिस के रूप में धरती पर गिरती है.
तब नाइट्रिक अम्ल की उपस्थिति के कारण वातारण तथा सभी सजीव और निर्जीव के लिए हानिकारक साबित होती है. ताजमहल के चमक का फीका होना अम्ल वर्षा का ही देन है.
- अम्ल वर्षा की सम्पूर्ण जानकारी यहाँ पढ़ें – अम्ल वर्षा क्या है?
जैव विविधता – Biodiversity
किसी पारिस्थितिकी तंत्र में उपस्थित सभी सजीव प्राणियों जैसे – पेंड़-पौधे, जीव-जंतु इत्यादि में पाए जाने वाली विविधता को जैव विविधता कहा जाता है. जैव विविधता के जनक इ. वी विल्सन हैं.
जैव-विविधता के लिए 2 प्रमुख कारक उत्तरदायी होते हैं –
- अत्यधिक वर्षा
- अत्यधिक तापमान
हॉट-स्पॉट – hot-spot
जैव-विविधता सभी जगह सामान रूप से नहीं पाया जाता, यह कहीं पर अत्यधिक होता है तो कहीं पर कम. जिन जगहों पर जैव विविधता अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है उसे मेगा जोन कहते हैं.
भारत में 2 प्रमुख हॉट-स्पॉट जगह है –
- पश्चिमी घाट
- पूर्वी हिमालय
संकटापन्न प्रजाति – endangered species
संकटग्रस्त या संकटापन्न प्रजाति वह है जो लगभग-लगभग समाप्त होने की कगार में हैं, और बहुत ही कम संख्या में पृथ्वी पर मौजूद हैं. इन प्रजातियों का संरक्षण बहुत आवश्यक है.
क्योंकि संरक्षण के बिना वह दिन दूर नहीं जब यह प्रजातियां विलुप्त प्रजातियां की सूची में शामिल हो.
संकटग्रस्त प्रजातियों के उदाहरण –
- भारतीय चिता
- आफ्रिकन हांथी
- काला हिरण
- गिद्ध
- साही
- बारह शिंगा, इत्यादि.
विलुप्त प्रजाति – extinct species
वे प्रजातियां जो इस पृथ्वी से पूरी तरह समाप्त हो गई हैं. तथा जिनका आखिरी वंश बिल्कुल नष्ट हो चूका है विलुप्त प्रजाति कहलाता है. उदाहरण – डायनासोर.
जलवायु परिवर्तन – Climate change
जलवायु परिवर्तन – पृथ्वी के औसत तापमान पर होने वाली बढ़ोतरी जलवायु परिवर्तन कहलाती है. सूर्य की किरणे जब पृथ्वी पर पड़ती है तब पृथ्वी पर उपस्थित ग्रीन हॉउस गैंस, इसमें से कुछ किरणों को रोक लेती है.
सम्भवतः पृथ्वी का तापमान जीवन जीने लायक बन पाता है. परन्तु यह तब तक सहीं है जब तक ग्रीन हॉउस गैंस संतुलित रहे. but आज माहौल ऐसा बिल्कुल नहीं है. लगातार हो रहे मानवीय क्रियाकलापों और पर्यावरण प्रदूषण के बदौलत आज पृथ्वी का जलवायु पूरी तरह से असंतुलित हो गया है.
ग्लोबल वार्मिग – Global warming
पृत्वी का तापमान औसत तापमान से अधिक होना ग्लोबल वार्मिग कहलाता है. पृथ्वी का औसत तापमान 14 डिग्री सेल्सियस मापा जाता है. सबसे पहले ग्रीन हॉउस प्रभाव को बताने वाले व्यक्ति जोसेफ फोरियर थे जिन्होंने साल 1824 में इसके बारे में बताया.
ग्लोबल वार्मिग या ग्रीन हॉउस संबंधित गैसों की जानकारी –
- मीथेन
- ओजोन
- जल वाष्प
- कार्बन डाई ऑक्साइड
- नाइट्रोजन ऑक्साइड
- जल वाष्प
- क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, इत्यादि.
- ग्लोबल वार्मिग की सम्पूर्ण जानकारी पढ़ें – ग्लोबल वार्मिग क्या है?
पारिस्थितिकी और पर्यावरण से संबंधित श्रेष्ठ किताब – best book on ecology and environment
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पर्यावरण और पारिस्थितिकी से संबंधित प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न : पारिस्थितिकी क्या है in Hindi?
उत्तर : पारिस्थितिकी जीवविज्ञान की एक शाखा है जिसके अंतर्गत जैविक व अजैविक घटकों का पर्यावरण के साथ संबन्ध का अध्ययन किया जाता है.
प्रश्न : पारिस्थितिकी और पर्यावरण क्या है?
उत्तर : हमारे आस-पास विकसित वातावरण ही पर्यावरण कहलाते हैं तथा पर्यावरण का सजीव और निर्जीव सभी घटकों से अंतर्संबंध पारिस्थितिकी कहलाता है.
प्रश्न : पर्यावरण व पारिस्थितिकी का जैविक घटक क्या है?
उत्तर : पर्यावरण में पाए जाने वाले वह सभी घटक जिसमे जीवन होता है. चाहे वह – जलमण्डल में हो या स्थलमण्डल या वायुमण्डल जैविक घटक कहलाते हैं.
प्रश्न : पर्यावरण संरक्षण से क्या आशय है समझाइए?
उत्तर : प्रदूषण, वनों की कटाई, बढ़ता औद्योगीकरण, संसाधनों का दोहन इत्यादि से पर्यावरण के बचाव के लिए उठाये गए कदम. पर्यावरण संरक्षण कहलाता है. पर्यावरण पूरी तरह से संकट में हैं इसे संरक्षित नहीं किया गया तो पृथ्वी पर जीवन भी समाप्त हो जायेगा.
पर्यावरण दिवस व वर्ष – environment day and year
पर्यावरण दिवस | तिथि एवं साल |
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विश्व जल दिवस | 22 मार्च |
विश्व स्वास्थ्य दिवस | 7 अप्रैल |
विश्व जैव-विविधता दिवस | 22 मई |
तम्बाखू मुक्ति दिवस | 31 मई |
विश्व पर्यावरण दिवस | 5 जून |
विश्व जनसँख्या दिवस | 11 जुलाई |
विश्व ओजोन दिवस | 16 सितम्बर |
विश्व खाद्यान दिवस | 16 अक्टूबर |
अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस | 2011 |
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस | 2012 |
अंतर्राष्ट्रीय पानी सहयोग दिवस | 2013 |
अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक कृषि वर्ष | 2014 |
अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवस | 2015 |
अंतर्राष्ट्रीय दाल वर्ष | 2016 |
अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन सतत विकास वर्ष | 2017 |
आखिर में
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