Health is Wealth = स्वास्थ्य ही धन है.
Health is Wealth Meaning in hindi : मानव जीवन में हम अपने शरीर को स्वस्थ रखें बिना अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते. क्योकि कोई भी कार्य – ज्ञान, उपासना, भक्ति, कर्म आदि स्वस्थ शरीर से ही संभव है. आज के समय में शारीरिक व मानसिक भोगविलास के संसाधन इतने बढ़ गये हैं की हर व्यक्ति मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य से दूर होता जा रहा है.
जीवन में अधिक व्यस्तता, विलासता और गलत तरीके से रहन-सहन के वजह से मानसिक तनाव व शारीरिक कष्ट बढ़ता जा रहा है. मानव के स्वाभाविक गुण जैसे – उचित व्यवहार, प्रेम, सेवा, सहानुभूति आदि समाप्त होते जा रहें है और इसके स्थान पर घृणा, भय, इर्षा, द्धेष आदि तेज़ी से बढ़ते जा रहा है. यही सब रोगों का कारण है क्योकि इससे पाचन तंत्र रोगों की उत्पत्ति होती है और पाचन तंत्र से ही अन्य रोगों का बीज अंकुरित होता है.
समय ऐसा है की आज लोग स्वस्थ रहना तो चाहते है. वे जानते हैं की Health is Wealth. स्वास्थ्य ही धन है पर केवल डॉक्टर द्धारा बताये गए दवाओं के ही सहारे, जिसका परिणाम यह निकलता है की जिस बीमारी के लिए आप दवाई खाते हैं वह तो समाप्त हो जाता है लेकिन अनेक अन्य बीमारियों का सूत्रपात शरीर में हो जाता है. लोग छोटी-मोटी बिमारियों से परेशान रहते हैं जबकि वास्तव में खान-पान, रहन-सहन में गड़बड़ी यही सब इन बीमारियों का कारण है.
इसी बात को समझना है और जानना है की जीवन में क्या सावधानी और संयम बरते जिससे सौ साल तक स्वस्थ जीवन बिता सकें, ध्यान देने वाली बात यह है की इतनी लम्बी जिंदगी में आज के वातावरण में हमेशा स्वस्थ नहीं रहा जा सकता लोग कभी न कभी बीमार पड़ते ही है परन्तु किसी कारणवस लोग बीमार पड भी गए तो प्राकृतिक व आयुर्वेदिक औसधियों का इस्तेमाल हमेसा बेहतर रहेगा.
हेल्थ इज वेल्थ – Health is Wealth Meaning in hindi
हेल्थ इज वेल्थ (Health is Wealth) का हिंदी में मतलब है = स्वास्थ्य ही धन है.
हेल्थ इज वेल्थ पर निबंध – Health is Wealth Essay
वास्तव में स्वस्थ कौन है? तो इसका उत्तर यह है व्यक्ति का सभी अंग सुचारु रूप से कार्य कर रहा हो शरीर न तो अधिक कमजोर हो न अधिक स्थूल और व्यक्ति का अपने मस्तिष्क पे पूरा अधिकार हो। क्योंकि स्वस्थ रहने के लिए शरीर और मन दोनों का स्वस्थ होना जरुरी है.
अगर मन दुर्बल और अस्वस्थ है तो फीर शरीर के स्वस्थ होने का कोई अर्थ नहीं है क्योकि मन से ही शरीर को कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। ठीक इसी प्रकार अगर आपका मन स्वस्थ है परन्तु शरीर दुर्बल है तब भी कोई मतलब का नहीं है क्योकि काम तभी हो पायेगा जब आपका मन, मस्तिष्क, शरीर सभी स्वस्थ हो।
हमारा शरीर एक ऐसी संरचना है, जिसमे एक ही वक्त में अनेक अंग कार्य करता रहता है. और इस शरीर का रख-रखाव अच्छे से नहीं किया गया तो एक ही वक्त में अनेक बीमारियां भी इस पर हावी हो सकती है.
Health is Wealth Tips in hindi
- शरीर को साफ-सुथरा व स्वस्छ रखें
- अपने इक्षा शक्ति के अनुसार व्यायाम, योगासन अवश्य करें
- नींद भरपूर ले जितनी की शरीर को आवश्यकता है
- भोजन, खान-पान बहुत बड़ा प्रभाव डालता है आपके स्वास्थ्य पे, सो अच्छा खाएं स्वस्थ रहें
- बीच-बीच में उपवास जरूर रहें जैसे महीने में एकाक बार
- तनाव व चिंतामुक्त रहें, यह अतिआवश्यक है
- मदिरापान नशा सेवन अत्यधिक न करें या बिल्कुल ही न करें।
स्वस्थ जीवन के लिए व्यायाम का महत्व – स्वास्थ्य पर निबंध
आप जानते ही होंगे की व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना आवश्यक है. शरीर को स्वस्थ, बलवान, और मजबूत बनाने में भोजन पानी के साथ-साथ व्यायाम बहुत जरुरी है. हम अपने दैनिक जीवन में इतना आलसी और आरामपसंद हो गए है की हमें कुछ दूर चल कर जाना भी मंजूर नहीं है, थोड़ी दूर जाने के लिए भी बाइक का सहारा लेना पड़ता है, जैसे मानों पैदल चलना को हम अपने शान के खिलाफ समझते है.
इन्हीं गलत आदतों के कारण हम जान-बुझ कर बिमारियों को आमंत्रित करते है. हम ये क्यों नहीं समझते की सुबह थोड़ी देर Time निकाल कर अगर हम नियमित व्यायाम करे तो रोगों को अपने आस-पास आने से रोकने के साथ-साथ कब्ज, अपच, अनिद्रा जैसी बिमारियों को बिना दवाई के खत्म कर सकतें है.
व्यायाम से मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव
व्यायाम का सबसे अधिक प्रभाव हमारे स्वसन क्रिया पर पड़ता है. एक स्वस्थ व्यक्ति एक मिनट में 15 से 18 बार श्वास लेता और छोड़ता है. श्वास लेते समय सुद्ध ऑक्सीजन शरीर में प्रवेश करती है. और शरीर में मौजूद कार्बनडाई ऑक्साइड को बाहर निकालती है.
जब हम व्यायाम करते है तो स्वसन की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है, इस कारण रक्त संचार भी तेज़ी होता है. और पुरे शरीर की सफाई अच्छे से हो जाती है। व्यायाम करने में आये पसीने से शरीर के अपशिस्ट तत्व भी बाहर निकल जाते है.
व्यायाम करने से स्वास्थ्य को होने वाला लाभ – Health benefits from exercising hindi
व्यायाम से शरीर को अनेक तरह के फायदें होते है जो निम्न है –
- व्यायाम करने से सबसे बड़ा फायदा यह है की अनेक बिमारियों से शरीर की रक्षा होती है
- हृदय के लिए व्यायाम बहुत फायदेमंद है व्यायाम से हृदय रोग होने की संभावना खत्म हो जाती है
- व्यायाम से पेट के सम्बन्धित सभी विकार दूर होते हैं
- व्यायाम मोटापा कम करने का जरिया है
- व्यायाम से अस्थमा, मधुमेह, गठिया, कमर दर्द आदि रोग दूर होते हैं
- व्यायाम करने से शारीरिक दुर्बलता समाप्त होती है और शरीर हिष्ट-पुष्ट बलशाली होता है
- व्यायाम से मानशिक एकाग्रता और सतर्कता बढ़ती है
- शरीर को आराम मिलता है जिसके कारण अनिद्रा, बैचेनी, तनाव आदि रोग दूर होता है और शरीर स्वस्थ रहता है
- दिल का दौरा पड़ने की सम्भावना को व्यायाम समाप्त करता है.
व्यायाम और योगासन से संबंधित अन्य बेहतरीन आर्टिकल –
व्यायाम से पूर्व इन बातों का ध्यान रखें
Note : इस पुरे लेख में गौर से ध्यान देने वाली बात यह है की आप किस तरह के कार्य करते है क्योकि अलग-अलग तरह के कार्य करने वालों के लिए व्यायाम भी अलग-अलग करनी चाहिए, जैसे मान लीजिये कोई शारीरक परिश्रम अधिक करता है, तो उसे कठोर व्यायाम करने की आवश्यकता नहीं है.
परन्तु इसके विपरीत कोई मानशिक कार्य करता है तब उसे कठोर व्यायाम करने की आवश्यकता होती है. इसी प्रकार मोटापा के लिए अलग तरह का व्यायाम जिससे चर्बी कम किया जा सके और दुर्बलता के लिए ऐसा व्यायाम आवश्यक है जिससे मांसपेशियों को मजबूत किया जा सके और शारीरिक दुर्बलता कम हो.
व्यायाम करने से संबंधित सावधानियां
- व्यायाम के लिए मुख्य बात यह है की प्रातःकाल सुबह व्यायाम के लिए उचित समय है इसलिए सुबह-सुबह उठकर ही व्यायाम करना चाहिए,
- व्यायाम करते समय ढीले-ढाले कपडे पहनकर व्यायाम करें,
- व्यायाम से पहले लम्बी गहरी स्वाश लेकर शरीर को व्यायाम के लिए तैयार करें,
- व्यायाम के लिए उचित जगह का चुनाव करे जैसे जगह साफ-सुथरी हो किसी भी प्रकार की गंदगी न हो,
- अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हो तो व्यायाम करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें.
हेल्थ इज वेल्थ इसलिए खान-पान का रखें विशेष खयाल
आहार में वह सब आ जाता है जो हम दिन भर में खाते हैं. आहार स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है इसका सीधा सम्बन्ध हमारे स्वास्थ्य से है. परेशानी यह है की हम अपने आहार के बारे में जरा भी सचेत नहीं रहतें व दिनों दिन लापरवाही बरतते रहतें है.
हमारे शरीर में कौन सा तत्व कम है, इसे पूरा करने के लिए हमे क्या खाना चाहिए ये सब जानना बहुत ही जरुरी है. जैसे शारीरिक कार्य अधिक करने वालों को मोटा भोजन करना चाहिए और जो अधिक मेहनत का काम नहीं करते उन्हें हल्का सुपाच्य भोजन करना ठीक होगा.
स्वास्थ्य के लिए आहार (भोजन) कैसा होना चाहिए
अलग-अलग पदार्थो में पोषक तत्व भी अलग-अलग होता है. हमें अपने शरीर के आवश्यकता के अनुसार इसका चयन करना होता है. जैसे दूध में विटामिन A प्रचुर मात्रा में होता है, जो शरीर के रोगों से रक्षा करने और अच्छी दृस्टि के लिए आवश्यक है, इसलिए हमारे भोजन में सभी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड, विटामिन और खनिज तत्व आदि बराबर मात्रा में आवश्यकता के अनुसार जरूर होना चाहिए.
स्वास्थ्य आहार (खान-पान) के बेहतरीन Tips
- सबसे पहला कार्य यह है की हमेशा अपने काम के हिसाब से आहार लें कठोर परिश्रम वालों को अधिक पौष्टिक आहार लेना चाहिए और कम शारीरिक परिश्रम वालों को हल्का व सुपाच्य आहार लेना चाहिए।
- आहार सही समय पर लेनी चाहिए।
- भोजन को आराम से और अच्छे से चबा कर खाये ताकि पचने में आसानी हो।
- अधिक तले-भुने और मिर्च मसाले वाले खाने से परहेज करें।
- भोजन करने के पश्चात कुछ देर आराम अवश्य करें।
- पानी के लिए हमेसा यही सुझाव दिया जाता है की भोजन से पहले ही पी लेना चाहिए और आवश्यक हो तो भोजन के कुछ देर बाद पी लें परन्तु भोजन करते-करते पानी नहीं पीना चाहिए।
- न ही अत्यधिक गर्म खाये और न ही ज्यादा ठंडा, और गर्म खाते-खाते ठंडा नहीं पियें।
- भोजन के पश्चात कोई पाचक चूर्ण वगरा खाने की आदत न बनाये, इससे पाचन तंत्र कमजोर होता है।
- सोते समय गर्म दूध पीना चाहिए।
- रात में दही या लस्सी नहीं खानी चाहिए।
- भोजन उतनी ही मात्रा में खाये जितना में आपका पेट भर जाये लोभ करके इससे अधिक न खाएं।
हेल्थ इज वेल्थ के लिए नियम
- हमेसा सवेरे सूर्योदय से पहले उठे और रात में अधिक देर तक ना जागें रोजाना सुबह-शाम टहलना जरुरी है.
- इससे मांसपेशियाँ संक्रिय और मजबूत होता है व शरीर में स्फूर्ति आती है
- धमनियों में रक्त के थक्के नहीं जमते, साथ ही हृदय रोग, मधुमेह और ब्लडप्रेशर जैसे बिमारियों से छुटकारा मिलता है.
- रोजाना योगासन करना चाहिए
- सीमित व संतुलित भोजन करें स्वाद के चक्कर में आकर अधिक भोजन ग्रहण न कर लें
- भोजन के पश्चात दांतों की सफाई अवश्य करें
- जल्दी पचने वाले भोजन करें, ठंडी चीजे ना खायें
- हमेशा खुश रहें
- जितना की आवश्यकता हो उतना ही बोले
- हमेशा नाक से ही स्वाश ले मुँह से स्वाश नहीं लेना चाहिए
- अच्छी संगती करें दूसरों के गुणों को अपनायें, नशा सेवन आदि ना करें
- सुबह उठकर एक गिलास पानी अवश्य पियें
- तली हुई चीज़े अधिक ना खाएं
- रात का भोजन सोने से 3 घंटा पहले करना चाहिए
- रोजाना कम से कम 3 लीटर पानी पीना चाहिए
- केला, दूध, दही और मट्ठे का सेवन एक साथ नहीं करना चाहिए
- आँखों को अधिक समय तक पढ़ने-लिखने आदि चीज़ो में लगातार ना लगाए, बीच-बीच में दूर की वस्तु को निहारें और आँखों को बंद करके उसमे ऊँगली फेरे
- दूध का सेवन निम्न के साथ ना करें – नमक, खट्टाफल, दही, तेल, मूली और तोरोइ।
अंतिम शब्द
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