कम्प्यूटर के प्रकार सम्पूर्ण जानकारी | Types of computer in hindi

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types of computer in hindi

Types of computer : विभिन्न पीढ़ियों के साथ कम्प्यूटर में निरंतर बदलाव होते गए और नई-नई सुविधाओं के साथ computers बड़े पैमाने पर विस्तृत हुए. आज कम्प्यूटर लगभग हर कार्यों के लिए उपयोगी है. तथा अलग-अलग कार्यों के लिए कम्प्यूटर्स को कई तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है.

इस लेख – Types of computer के माध्यम से माध्यम से हम कम्प्यूटर्स के विभिन्न प्रकारों को जानेंगें इसलिए अंत तक इस लेख में बने रहे.

कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार

Computer हर जगह उपयोग में लाया जाने वाला यंत्र है इसलिए अलग-अलग जगहों क्षेत्रों में यह अलग अलग रूप में मौजूद है. जैसे काम के आधार पर computer को एनालॉग, डिजिटल व हाइब्रिड में बाट सकते है, ठीक उसी प्रकार आकार के अनुसार माइक्रो, वर्कस्टेशन, मिनी, मेनफ्रेम, और सुपर computer में बाट सकते है.

कम्प्यूटर के प्रकार को निम्न 3 प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है –

  1. कार्यप्रणाली के आधार पर कम्प्यूटर के प्रकार
  2. उद्देश्य के आधार पर कम्प्यूटर के प्रकार
  3. आकार (Size) के आधार पर कम्प्यूटर के प्रकार

1. कार्य प्रणाली के आधार पर कम्प्यूटरों का प्रकार

A. एनालॉग कम्प्यूटर – Analog computer

एनालॉग उन कम्प्यूटरों को कहा जाता है जो भौतिक मात्राओं जैसे – दाब, तापमान, लम्बाई आदि को मापकर उसके परिमाप को अंको में व्यक्त करे. ये computer किसी राशि का माप तुलना के आधार पर करते है. जैसे की एक थर्मामीटर कोई गणना नहीं करता है यह पारे के सम्बंधित प्रसार की तुलना करके शरीर के तापमान को मापता है.

एनालॉग computer खासतौर पर विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उपयोग किये जाते है क्योकि इन जगहों पे माप व मात्राओ का अधिक प्रयोग होता है. परन्तु ये कम्प्यूटर केवल अनुमानित परिमाप ही देते है.

जैसे – पेट्रोल पंप में लगा कम्प्यूटर पम्प से निकले पेट्रोल की मात्रा को मापता है और लीटर में दिखाता है और उसके मूल्य की गणना करके स्क्रीन पर दिखाता है.

B. डिजिटल कम्प्यूटर – Digital computer

डिजिटल कंप्यूटर वह होता है जो अंको की गणना करता है, ज्यादातर लोग डिजिटल computer पर ही विचार करते है. यह कंप्यूटर व्यापार, बजट बनाना आदि ज्यादातर कार्य में उपयोग में लाया जाता है.

डिजिटल कम्प्यूटर डाटा व प्रोग्राम को 0 व 1 में परिवर्तित करके उनको इलेक्ट्रॉनिक फार्म में ले आता है.

C. हायब्रिड कम्प्यूटर – Hybrid computer

हायब्रिड का तात्पर्य अनेक गुण धर्म युक्त होना है, इसमें एनालॉग कम्प्यूटर व डिजिटल कम्प्यूटर दोनों के गुण होते है इसलिए इसे हायब्रिड computer कहते है जैसे कम्प्यूटर की एनालॉग डिवाइस किसी रोगी के लक्षणों अर्थात तापमान, रक्तचाप आदि को मापति है.

ये परिमाप बाद में डिजिटल पार्ट के द्धारा अंको में बदले जाते है। इस प्रकार रोगी के स्वास्थ्य में आये बदलाव का तत्काल परीक्षण किया जा सकता है.

2. उद्देश्य के आधार पर कम्प्यूटर के प्रकार

कम्प्यूटरों को उनके कार्य करने के उद्देश्य के आधार पर सामान्य व विशेष उद्येश्य कंप्यूटर के रूप में बाटा जा सकता है –  

A. सामान्य उद्देश्य वाली कम्प्यूटर – General purpose computer

सामान्य उद्द्येशी Computer उन्हें कहा जा सकता है जिनके अनेक प्रकार की कार्य करने की क्षमता होती है लेकिन ये वर्डप्रोसेसिंग से पत्र व दस्तावेज तैयार करना दस्तावेजों को प्रिंट करना, डाटाबेस बनाना जैसे सामान्य कार्य ही इसके द्धारा संपन्न होता है.

सामान्य उदेस्य कम्प्यूटर के internal circuit में लगे सी.पी.यु. (CPU) की कीमत भी कम होती है. इन कम्प्यूटरों में हम किसी विशेष Application के लिए अलग से डिवाइस नहीं जोड़ सकते क्योकि इनमे CPU की क्षमता लिमिटेड होती है.

B. विशेष उद्देस्य कम्प्यूटर – Special purpose Computer

यह ऐसे कम्प्यूटर होते है जिन्हे विशेष कार्य के लिए उपयोग में लाया जाता है. इसमें CPU की क्षमता आपके कार्य के हिसाब से होती है की आप इससे क्या कार्य लेना चाहते है. इसमें अगर अनेक CPU की आवस्यकता हो तो इसके संरचना में परिवर्तन कर अनेक CPU वाला कर दिया जाता है.

जैसे – Music recording करने के लिए किसी किसी Studio में लगाया जाने वाला computer विशेष उदेस्य कम्प्यूटर (Special purpose computer) होगा, इसमें music से सम्बंधित उपकरणों की जोड़ा जा सकता है, जिससे music में अच्छा से अच्छा प्रदर्शन हो सके.

स्पेशल कम्प्यूटर्स के विभिन्न स्थानों पर कार्य –

  • चिकित्सा में। 
  • शोध व अनुसंधान में। 
  • यातायात नियंत्रण में। 
  • कृषि विज्ञान में। 
  • युद्ध में। 
  • अंतरिक्ष विज्ञान में। 
  • इंजीनियरिंग में। 
  • मौसम विज्ञान में। 
  • समुद्र विज्ञान में।  

3. आकार के आधार पर कम्प्यूटर के प्रकार – Types of Computers by Size

A. माइक्रो कम्प्यूटर – Micro computer

तकनिकी के क्षेत्र में सन उन्नीस सौ सत्तर में एक क्रांतिकारी आविष्कार हुआ, यह आविष्कार Microprocessor का था जिसके उपयोग से सस्ती कम्प्यूटर प्रणाली बनाना संभव हुआ.

ये कम्प्यूटर एक डेस्क (Desk) अथवा एक ब्रीफकेश में भी रखे जा सकते हैं. ये छोटे कम्प्यूटर माइक्रो कंप्यूटर कहलाते है. माइक्रो कम्प्यूटर आकार में छोटे व सस्ते भी होते है

इसलिए इसे घर में या घर से कंही बाहर office आदि जगह ले जाया जा सकता है। इसलिए इसे पर्सनल कम्प्यूटर (personal computer) या P.C. कहते है.

माइक्रो कम्प्यूटर घर में स्कूल दफ्तरों में लगाए जाते है घर में इसे आप घर के बजट का ब्यौरा के लिए या फिर मनोरंजन के लिए उपयोग में ला सकते है।

और विद्यालयों में इसका उपयोग विद्यार्थियों के लिए प्रश्न पत्र बनाने व शिक्षा देने के लिए अनेक प्रकार से उपयोग में ला सकते है। साथ ही दफ्तर में फाइल बनाने के लिए प्रोजेक्ट, पत्र लेखन आदि कार्य के लिए उपयोग में ला सकते है. 

व्यापार में माइक्रो कम्प्यूटर का व्यापक उपयोग है, चाहे व्यापार बड़ा हो या छोटा दोनों स्थिति में माइक्रो कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है. छोटे व्यापार में यह किये गए व्यापार का ब्यौरा रखता है, पत्र व्यवहार के लिए पत्र तैयार करता है

उपभोक्ता के लिए बिल बनाकर देता है और रोजाना का Accounting कार्य करता है। बड़े व्यापारी इसे वर्ड प्रोसेसिंग (Word processing) और फाइल मेंटनेंस में उपयोग करते है। 

माइक्रो कम्प्यूटर में एक ही CPU लगा होता है, वर्तमान में देखा जाए तो इसी कम्प्यूटर का तेज़ी से विकास हो रहा है। इसी के फलस्वरूप माइक्रो कम्प्यूटर एक पुस्तक व फोन के आकार साथ ही घडी के आकार में भी आ रहें है, ये सामान्य बजट व कीमत से लेकर अधिक कीमत पर भी उपलब्ध है.

आकार के अनुसार कम्प्यूटर्स के प्रकार –

  1. डेस्कटॉप कम्प्यूटर (Desktop computer)
  2. लैपटॉप, नोटबुक (Laptop, notebook)
  3. पामटॉप कम्प्यूटर (Polmtop computers)

डेस्कटॉप कम्प्यूटर क्या है – Desktop computers in hindi

पर्सनल कम्प्यूटर का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला प्रकार डेस्कटॉप कम्प्यूटर है, डेस्कटॉप के नाम से ही पता चल जा रहा है की इस कम्प्यूटर को डेस्क पर सेट किया जा सकता है. और वही से कार्य किया जा सकता है.

इसमें एक सी.पी.यु. (एक कैबिनेट जो मदरबोर्ड व अन्य भागों से ढका रहता है) मॉनिटर, कीबोर्ड और माउस होते है. डेस्कटॉप कम्प्यूटर की कीमत कम होती है पर इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना मुश्किल होता है, आज के समय में आप इसे 20 से 25 हजार में खरीद सकते है.

नोटबुक व लेपटॉप क्या है – Notebook and Laptop

नोटबुक और लेपटॉप वैसे तो एक ही होते है लेकिन कई कंपनियों द्धारा लैपटॉप में अन्य फीचर्स एड करके उसे नोटबुक से मंहगें दामों में बचते है. डेस्कटॉप कम्प्यूटर से भिन्न, नोटबुक तथा लेपटॉप में कुछ भी अलग से नहीं होता है.

सभी इनपुट आउटपुट एवं प्रोसेसिंग युक्तियाँ एक डिब्बे में समावेशित होती है जो आपकी यात्रा में प्रयोग किये जाने वाली ब्रीफकेश जैसे लगती है।

इसे आप यात्रा के समय कुर्सी पे बैठके गोद में लेपटॉप को रख कर संचालित कर सकते हो। इसी लिए इसे लेप+टॉप अर्थात गोद के ऊपर कहा जाता है.

इसका वजन भी ज्यादा नहीं होता एक किलो से भी कम वजन के होते है ये डेस्कटॉप के हिसाब से थोड़े महंगे होते है पर इसका फायदा है की आप इसे कही भी ले जा सकते हो, इसमें बैटरी लगा होता है जिससे आप 4 से 5 घंटा आराम से उपयोग कर सकते है.

पामटॉप कम्प्यूटर क्या है – Palmtop computer

पामटॉप सबसे अधिक पोर्टेबल पर्सनल computer होते है जो आपके हथेली में पकडे जा सकते है, इसलिए इन्हे पॉकेट कम्प्यूटर भी कहते है. पामटॉप कार्यालयों में प्रचलित नहीं है. अब पामटॉप कई स्वरुप में उपलब्ध है. ये टेबलेट पी.सी. तथा पी. डी. ए. हो सकते है.

टेबलेट पी. सी. क्या है – Tablet PC

टेबलेट पी. सी. अधिक पोर्टेबल और लैपटॉप कंप्यूटर के ही गुण वाले होते है, ये लेपटॉप की तुलना में अधिक हल्के होते है तथा निर्देशों को इनपुट करने के लिए डिजिटल पेन का प्रयोग करते है. यूजर निर्देशों को सीधा-सीधा स्क्रीन पर लिख सकता है।

टेबलेट पी सी में पूर्व निर्मित माइक्रोफोन तथा विशिस्ट सॉफ्टवेयर होता है, जो इनपुट को मौखिक रूप से प्राप्त करता है। आप इसका प्रयोग सी. पी. यू. की तरह परम्परागत तरीके से की-बोर्ड व एक मॉनिटर को जोड़ने में कर सकते है।      

पर्सनल डिजिटल असिस्टेण्ट क्या है (Personal digital assistant hindi) 

यह एक हेण्ड हेल्ड (Hand-held) पर्सनल computer है जो टेबलेट पी सी की तरह है तथा इसे एक प्रकार का पामटॉप कम्प्यूटर भी कह सकते है. पी डी ए अब अन्य विशेस्ताओ जैसे – कैमरा, सेलफोन, म्यूजिक प्लेयर इत्यादि के साथ उपलब्ध है।

यह एक छोटे से कैलकुलेटर की भाति होता है तथा इसका प्रयोग नॉट लिखने, अड्रेस प्रदर्शित करने, टेलीफोन नम्बर तथा appointments को प्रदर्शित करने में किया जाता है।

पी. डी. ए. अब एक पेन के साथ भी उपलब्ध है जिसकी सहायता से यूजर instructions को directly इनपुट कर सकता है प्रयोक्ता की आवस्यकता के अनुसार इसमें अलग से एक छोटा की-बोर्ड तथा माइक्रोफोन टेक्स्ट तथा आवाज को इनपुट करने के उद्देश्य से लगाए जा रहे है 

वर्कस्टेशन क्या है – Workstation

वर्कस्टेशन आकार में माइक्रो computer के सामान होने के बावजूद अधिक शक्तिशाली होते है तथा ये, विशेष रूप से जटिल कार्यो के लिए उपयोग किये जाते है.

इस प्रकार के computer माइक्रो कंप्यूटर के सभी लक्षणों को अपने अंदर रखते है। तथा माइक्रो कम्प्यूटर के सामान ही एक समय में एक  यूजर के द्धारा संचालित किये जाते है.

इसकी कार्य क्षमता मिनी कम्प्यूटरों के सामान होती है। इसका उपयोग मूलतः वैज्ञानिक इंजीनियरों आदि विशेष्ज्ञो द्धारा होता है, ये माइक्रो कम्प्यूटर से महगें होते है.

किन्तु माइक्रो computer के अपार बदलाव तथा इसके बड़े स्तर पर विकास के बाद अब वर्कस्टेशन का प्रचलन कम हुआ है तथा माइक्रो computer के उन्नत उत्पादन ने इसका स्थान लेना प्रारम्भ कर दिया है.

अब माइक्रो computer की उन्नत ग्राफिक्स तथा संचार क्षमताओं के साथ बाजार में उपलब्ध हो रहे है.

मिनी कम्प्यूटर क्या है – Mini computer

ये मध्यम आकर के computer होते है, ये माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में अधिक कार्य क्षमता वाले होतें है।  मिनी computer की कीमत माइक्रो कम्प्यूटर से अधिक होती है और ये व्यक्तिगत रूप से नहीं ख़रीदे जा सकते, इन्हे छोटी या मध्यम स्तर की कम्पनिया काम में लेती है और इस कम्प्यूटर पर अधिक व्यक्ति कार्य कर सकता है.

मिनी Computer में एक से अधिक cpu होती है. इसकी मेमोरी और गति माइक्रो कंप्यूटर से अधिक और मेनफ्रेम कम्प्यूटर से कम होती है ये मेनफ्रेम कंप्यूटर से सस्ते होते है.

मध्यम स्तर की कंपनियों में मिनी कम्प्यूटर ही उपयोगी माने जाते है, हलाकि अनेक व्यक्तिओ के लिए अलग-अलग माइक्रो कम्प्यूटर लगाना भी संभव है.

परन्तु यह महगा पड़ता है, प्रति व्यक्ति माइक्रो कंप्यूटर की अपेक्षा मिनी कम्प्यूटर कंपनी में केंद्रीय कम्प्यूटर के रूप में कार्य करता है. और इससे computer के संसाधनों का साँझा हो जाता है.

इसके अलावा अनेक माइक्रो कम्प्यूटर होने पर उसके रख रखाव व मरम्मत की समस्या बढ़ जाती है. एक मध्यम स्तर की कंपनी मिनी computer का उपयोग निम्न कार्यो के लिए कर सकती है.

  • वित्तीय खातों के रख रखाव के लिए। 
  • कर्मचारियों के वेतन पत्र तैयार करने के लिए। 
  • लागत-विश्लेषण के लिए। 
  • उत्पादन योजना के लिए। 
  • बिक्री-विश्लेषण के लिए। 

मिनी कम्प्यूटरों के अन्य उपयोग यातायात में यात्रिओ के लिए आरक्षण प्रणाली का संचालन और बैंकों में बैंकिंग (Banking) के कार्य है। 

सबसे पहला मिनी Computer PDP-8 एक रेफ्रिजरेटर के अकार का 18000 डालर कीमत का था जिसे डिजिटल इक्विपमेंट कार्पोरेशन ने सन 1965 में तैयार किया था.

मेनफ्रेम कम्प्यूटर क्या है – Mainframe computer

ये कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होते है साथ ही इनकी स्टोरेज क्षमता भी अधिक होती है इसमें अधिक मात्रा में डाटा पर तीव्रता से प्रोसेस करने की क्षमता होती है.

इसमें अधिक मात्रा डाटा पर तीव्रता से प्रोसेस करने की क्षमता होती है इसलिए इसका उपयोग बड़ी कम्पनिया, बैंक तथा सरकारी विभाग एक centralised computer system के रूप में कार्य करते है.

ये चौबीसो घंटे कार्य कर सकते है और इन पर सैकड़ो users एक साथ काम करते है. मेनफ्रेम कंप्यूटर को एक Network या माइक्रो कंप्यूटर से परस्पर जोड़ा जा सकता है. ज्यादातर कम्पनियां मेनफ्रेम computer का उपयोग निम्न कार्यो के लिए करती है. 

  • उपभोक्ता द्धारा खरीद का ब्यौरा रखने के लिए। 
  • भुगतानों का ब्यौरा रखना। 
  • बिलो भेजना रखना। 
  • नोटिस भेजने के लिए। 
  • कर्मचारियों के भुगतान के लिए। 
  • tax के विस्तृत ब्यौरा के लिए। 

मेन फ्रेम कम्प्यूटरों के कुछ उदाहरण – IBM 4381, ICL 39 Series और CDC Cyber इत्यादि.

सुपर कम्प्यूटर क्या है – Super computer

कम्प्यूटर के सभी श्रेणियों में सबसे बड़े, सबसे अधिक स्टोरेज क्षमता वाले और सबसे गतिशील होते होते है। इसके प्रत्येक CPU समान्तर क्रम में कार्य करते है इस क्रिया को समान्तर प्रक्रिया (parallel processing) कहते है.

एक CPU द्धारा डाटा और प्रोग्राम एक स्ट्रीम में एक्जीक्यूट करने की पारम्परिक विचारधारा “वान न्यूमान सिद्धांत” (Von neumann concept) कहलाती है. लेकिन सुपर कम्प्यूटर “नॉन-वान न्यूमान सिद्धांत” (Non-von neumann concept) के आधार पर तैयार किया जाता है.

सुपर computer में अनेक ALU व CPU के भाग होते है. प्रत्येक ए एल यू एक निश्चित क्रिया के लिए होता है और सभी ए एल यू एक समान्तर प्रक्रिया करते है.

सुपर कंप्यूटर का उपयोग –

  • प्रयोगशाला में शोध व खोज के लिए। 
  • आंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए। 
  • मौसम की भविष्य वाणी। 
  • animation चित्र के निर्माण में। 

ऊपर लिखे सभी कार्य व गणना प्रक्रिया जटिल व उच्च कोटि की शुद्धता  वाली होती है इन्हे सुपर computer ही कर सकता है, ये सबसे मंहगें कम्प्यूटरों में से होते है.

इनकी कीमत अरबों रूपये में होती है, भारत में C-DAC द्धारा “PARAM” नामक सुपर computer विकशित किया गया है. इसका विकशित रूप ‘परम – 10000 भी तैयार कर लिया गया है। सुपर कम्प्यूटर के उदाहरण – CRAY-2, XMP-24, NEC-500 इत्यादि। 

इम्बेड कम्प्यूटर क्या है – Embedded Computer

यह एक विशेष उदेस्य वाली computer सिस्टम है, जिसे dedicated function को संपन्न करने के लिए डिजाइन किया जाता है। एक सामान्य उदेश्य वाली कम्प्यूटर जैसे पर्सनल कम्प्यूटर से भिन्न एक एम्बेडेड कम्प्यूटर सिस्टम एक या कुछ पूर्व निर्धारित (pre-defined) कार्यो को संपन्न करती है.

जिसकी देखा जाए तो बहुत ही जरुरी आवश्यकताएँ होती है तथा प्रायः ऐसे विशेष कार्य वाले हार्डवेयर एवं मेकेनिकल पार्ट को सम्मिलित करता है जो प्रायः सामान्य उदेस्य वाली computer में नहीं पाए जाते है.

यघपि तह सिस्टम विशिष्ट कार्यो के लिए निर्धारित है, इसलिए डिज़ाइन इंजीनियर इस उत्पाद के आकार तथा लागत के घटने से इसके प्रति आशान्वित है. आर्थिक दृस्टि से फायदेमंद होने से इम्बेडेड सिस्टम देखा जाए तो बड़े पैमाने पर उत्पादित हो रहे है.

भौतिक रूप से एम्बेडेड computer पोर्टेबल कम्प्यूटरों, जैसे डिजिटल घड़ियों व MP3 प्लेयर से लेकर बड़े स्टेशनरी इंस्टालेशन traffic light फैक्ट्री कण्ट्रोलर अथवा परमाणु सक्ति इकाइयों तक को नियंत्रित करने में पाया जा सकता है.

जटिलता के मामले में इम्बेडेड सिस्टम साधारण से एक माइक्रो कंट्रोलर चिप से लेकर मल्टीपल यूनिट, पेरिफेरल्स तथा नेटवर्क जो एक बड़े चेचिस या आवरण जैसे काम्प्लेक्स सिस्टम में भी हो सकते है।

मोबाईल फोन अथवा हेण्ड-हेल्ड कम्प्यूटर कुछ एलिमेंट इम्बेडेड सिस्टम के साथ सेयर करते है जैसे आपरेटिंग सिस्टम अथवा माइक्रोप्रोसेसर्स जो उन्हें पावर देते है, परन्तु ये वस्तुतः एम्बेडेड सिस्टम नहीं होते है

क्योकि इन्हे सामान्य उद्देश्यी होने के साथ विभिन्न Application तो तथा पेरिफेरल्स को संयोजित होने की अनुमति प्रदान करती है.

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आखिर में

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