बादशाह अकबर ने धार्मिक चर्चा एवं विचार विमर्श के लिए 1575 ई में फतेहपुर सीकरी में एक इबादत खाना के निर्माण का आदेश दिया
इबादत खाना में बादशाह की अध्यक्षता में सैयद शेख एवं उलेमा धार्मिक चर्चा किया करते थे 1578 ई में अकबर ने सभी धर्मावलम्बियों के लिए ‘इबादतखाना’ का द्वार खोल दिया, अकबर ने समस्त धार्मिक मामलों को अपने हांथों में लेने के लिए 1579 ई. में महजरनामा जारी करवाया, जिसने उसे धर्म के मामले में सर्वोच्च बना दिया.
इस पर पांच उलेमाओं या इस्लामी धर्मविदों के हस्ताक्षर थे, महजर को स्मिथ और वूल्जले हेग ने अचूक आज्ञा पत्र (Infallibility Decree) कहा है. महजर जारी करने के बाद अकबर ने सुल्तान-ए-आदिल या इमाम-ए-आदिल की उपाधि धारण की.
इबादत खाने का निर्माण क्यों कराया गया?
धार्मिक चर्चा एवं विचार विमर्श के लिए इबादत खाने का निर्माण कराया गया था बादशाह अकबर के द्वारा.
आखिर में
हमे पूरी उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख…इबादत खाने का निर्माण किसने करवाया था और क्यों?. पसंद आया होगा. कृपया करके इस लेख को अधिक से अधिक Shear करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सके. अगर लेख से संबंधित किसी प्रकार की शिकायत हो तो Comment Box के माध्यम से हमें अवश्य कहें.
अगर आप रोजाना इसी तरह के उपयोगी आर्टिकल पढ़ना चाहते हैं तो हमारे टेलीग्राम ग्रुप और जीमेल को सस्क्राइब कर ले जिसका लिंक नीचे दिया हुआ है. पढ़ने के लिए और हमारे घंटों की मेहनत को सफल बनाने के लिए – धन्यवाद.