वैज्ञानिक प्रबंधन (Scientific Management) – वैज्ञानिक प्रबंधन से आशय किसी निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किसी भी कार्य को विशिष्ट ज्ञान की सहायत से उत्तम ढंग से संपन्न करने से है.
वैज्ञानिक प्रबंधन कार्य का संगठित अध्ययन है कार्यों के सरलतम भागों का विश्लेषण तथा कार्य के प्रत्येक भाग में कर्मचारियों के कार्य निष्पादन का व्यवस्थित सुधार है, वैज्ञानिक प्रबंधन के अनुशासन प्रयोग एवं विवेक के द्वारा उत्पादक के पृथक-पृथक अंगों का स्वीकरण करके उसका इस प्रकार प्रयोग किया जाता है.
जिससे सभी वर्गों को लाभ हो तथा श्रम, पूंजी, मशीन, उत्पादन, प्रक्रियाओं और कच्चे माल के द्वारा अधिक से अधिक उपयोगिता मिल सके
वैज्ञानिक प्रबंधन की परिभाषाएं
विभिन्न विद्वानों ने वैज्ञानिक प्रबंध की विभिन्न परिभाषाएं दी है जो निम्नलिखित है.
ढीमर के अनुसार – वैज्ञानिक प्रबंध से आशय प्रबंध के क्षेत्र में दशाओं, पद्धतियों, प्रविधयों से संबंधित ज्ञान प्राप्त करना व उनको समायोजित करके उपयोग करने के लिए संगठित सिद्धांतों के रूप में विकसित करना है.
सेल्डन के अनुसार – वैज्ञानिक प्रबंधन किसी उद्योग में उनके प्रबंधकों द्वारा निर्धारित योजना को इस प्रकार चलाना है जिससे उसके उद्देश्य की पूर्ति सुविधा के साथ की जा सके.
पीटर एफ ड्रकर – के अनुसार ‘वैज्ञानिक प्रबधन कार्य का संगठित अध्ययन है. कार्य के सरलतम भागों का विश्लेषण है तथा कार्य के प्रत्येक भाग के कर्मचारियों के कार्य निष्पादन का विधिवत सुधार है.
उपयुक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है की वैज्ञानिक प्रबंध में अनुशासन तथा विवेक द्वारा उत्पादन में पृथक-पृथक अंगों का समीकरण करके उसका इस प्रकार उपयोग करना है जिससे उद्योगपति एवं श्रमिकों के मध्य गतिशीलता का समन्वय हो सके ताकि सभी वर्गों को वांछित लाभ प्राप्त हो सके
वैज्ञानिक प्रबंधन के गुण – Merits of Scientific Management
वैज्ञानिक प्रबंधन के गुण इस प्रकार है
- वैज्ञानिक प्रबंधन के द्वारा साधारण श्रमिकों से भी अत्यधिक कार्य लिया जा सकता है.
- विभागीय संगठन पद्धत्ति के अंतर्गत स्वयं सेवकों को श्रम विभाजन संबंधित अनेक लाभ प्राप्त होते हैं.
- उचित निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण की योजना के प्रचलन के कारण तैयार होने वाली वस्तु अच्छे किस्म की होती है.
- श्रमिकों की कार्यक्षमता बढ़ जाती है. क्योंकि उन्हें सर्वोत्तम रीती से काम करना बताया जाता है.
- वैज्ञानिक विधियों द्वारा काम करने के कारण कार्य में लगने वाला समय भी कम हो जाता है. और श्रमिक कम से कम समय में अधिक से अधिक कार्य करने में समर्थ हो जाते हैं.
वैज्ञानिक प्रबंधन के दोष – Demerits of Scientific Managements
वैज्ञानिक प्रबंधन के दोष निम्नलिखित है –
- श्रमिकों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए एवं अधिक से अधिक उत्पादन लेने के लिए उनसे अधिक कार्य की अपेक्षा की जाती है. जिससे श्रमिकों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
- वैज्ञानिक प्रबंधन के अंतर्गत श्रमिकों का अलग-अलग व्यवहार देखा जाता है. इससे संगठन की प्रवृति मंद पड़ जाती है.
- मशीनों के अधिक प्रयोग के कारण श्रमिकों को काम करने में अधिक आनद नहीं आता
- श्रमिकों की स्वतंत्र बुद्धि, विचारशीलता, कार्यक्षमता आदि के विकास के लिए कोई स्थान नहीं रहता
- श्रमिक संघों के विभाजन से श्रमिकों में एकता की भावना नहीं रहती
- वैज्ञानिक प्रबंधन छोटी औद्योगिक इकाइयों के लिए अनुपयुक्त होता है.
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