Management : मैनेजमेंट या प्रबंधन जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में लागु होता है. अगर कार्य को सुचारु रूप से संचालित करते हुए लक्ष्य की प्राप्ति करना है तब प्रबंधन आवश्यक है. भूतकाल से वर्तमान तक और इस वर्तमान से आने वाले भविष्य में अगर सफलता का कोई नीव है तो वह है – प्रबंधन (Management)
इस लेख – प्रबंधन क्या होता है में हम प्रबंधन से संबंधित सभी पहलुओं पर नजर डालेंगें इसलिए कृपया करके यह लेख पूरा पढ़ें
प्रबंधन क्या है – What is Management Hindi
Management – किसी उपक्रम के निर्धारित उद्देश्यों, लक्ष्यों एवं कार्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न क्रियाओं का प्रभावशाली नियोजन (Planing) करने की उत्तरदायित्व को निभाना प्रबंधन कहलाता है.
सरल शब्दों में कहा जाये तो – “प्रबंधन दूसरे व्यक्तियों से कार्य कराने की युक्ति है”
प्रबंधक क्या है – What is a Manager
प्रबंधक – वह व्यक्ति जो दूसरे व्यक्तियों से कार्य कराता है या कार्य करा सकता है प्रबंधक (Manager) कहलाता है. प्रबंधक बड़े-बड़े कारखानों में सैकङों अथवा हजारों कर्मचारियों को नियोजित करने वाले संगठन का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी हो सकता है या केवल दो या तीन कर्मचारियों को निर्देशित करने वाला केवल एक साधारण अधिकारी हो सकता है.
अतः कह सकते हैं की प्रबंधक एक कार्यवाहक है जिसका मुख्य उदेश्य प्रशासन द्वारा निर्धारित व्यापक लक्ष्यों व नीतियों को कार्यान्वित करना होता है.
प्रबंधन की अन्य परिभाषा – Definition of Management
हेनरी फेयोल के अनुसार – “प्रबंधन से आशय है. पूर्वानुमान करना, योजना बनाना, संगठन करना, निर्देश देना, समन्वय करना, तथा नियंत्रण करना इत्यादि.
प्रो. आर. सी. डेविस के अनुसार – “प्रबंधन कहीं भी कार्यकारी नेतृत्व का कार्य है. संगठन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए यह क्रियाओं का नियोजन संगठन एवं नियंत्रण करने का कार्य है.
जार्ज आर. टेरी के अनुसार – “प्रबंधन एक विशिष्ट प्रक्रिया है. जिसमे नियोजन, संगठन, उत्प्रेरणा और नियंत्रण शामिल है. इसमें से प्रत्येक में कला और विज्ञान दोनों का प्रयोग करते हुए पूर्व में निश्चित किये गए उद्देश्यों की पूर्ति हेतु इस प्रक्रिया का अनुसरण किया जाता है.
ऊपर दिए गए परिभाषाओं से स्पष्ट है की एक निश्चित उद्देश्य के पूर्ति के लिए किसी व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा कुछ व्यक्तियों एवं साधनों की सहायता से कार्य उत्पादन कराना प्रबंध कहलाता है. सरल शब्दों में प्रबंध व्यक्तियों या समूह के साथ मिलकर कार्य करते हुए संगठन के उद्देश्य एवं सामाजिक अभिवृद्धि को प्राप्त करने की कला तथा विज्ञानं है.
प्रबंधन का कार्य – Function of Management
किसी उपक्रम के उद्देश्यों और नीतियों को प्रभावी ढंग से क्रियाविन्त करवाने के लिए प्रबंध को अनेक कार्य करवाने पड़ते हैं. लघु उद्योगों या बड़े उद्योगों में प्रबंध या प्रबंधन के अनेक कार्यों में से मुख्य कार्य (Main Functions) निम्नलिखित है.
प्रबंधन की कार्य सूची –
नियोजन (Planning)
भविष्य में क्या करना है. इसे पहले से ही नियोजित करना नियोजन कहलाता है. इसमें प्रबंधन को पहले से ही कार्यक्रम तैयार करना पड़ता है. और नीतियां भी निर्धारित करनी पड़ती है.
संगठन (Organisation)
व्यक्तिगत या सामूहिक प्रयासों को क्रियान्वित करवाने के लिए संगठन की आवश्यकता होती है. संगठन में निम्नलिखित क्रियाएं सम्मिलित की जाती है.
- कार्यों की पहचान एवं उसका समूहीकरण
- समूह के विभागों में इन क्रियाओं को सौपा जाना
- अधिकार व उत्तरदायित्व की परिभाषा एवं विभाजन इत्यादि.
नियुक्ति (Staffing)
यह एक प्रशासनिक कार्य है इसमें संगठन की योजना के अनुसार पदाधिकारियों व अन्य अधिकारीयों को नियुक्त करना, उन्हें प्रशिक्षित करना, पदोन्नत करना इत्यादि शामिल होते हैं.
निर्देशन (Direction)
निर्देशन प्रबंध का वह कार्य है जो संगठित प्रयासों को प्रारम्भ करता है व्यवसाय को अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में प्रशस्त करता है.
नियंत्रण (Controlling)
नियंत्रण छानबीन द्वारा यह ज्ञात करने की कार्य योजना के अनुरूप हो रहा है या नहीं यदि कोई विसंगति दिखाई दे तो उन्हें सुधारने हेतु आवश्यक कार्यवाही करना, अतः निर्धारित योजनाओं से वास्तविक निष्पादन की तुलना करने की प्रक्रिया ही नियंत्रण है.
सामंजस्य (Co-ordination)
संगठन के सदस्यों द्वारा किया गया कार्य परस्पर संबंधित रहता है. अतः संगठन के सभी सदस्यों में परस्पर सामजस्य होना आवश्यक है. अर्थात विभिन्न स्तरों पर स्टाफ में समन्वय बनाये रखना प्रबंधन का कार्य होता है.
बजटिंग (Budgeting)
इसमें दूरदर्शिता एवं वित्तीय मामलों के प्रबंध को सम्मलित किया जाता है. बजट एक अनुमानित व्ययों एवं उपलब्ध साधनों का एक वर्ष का विवरण होता है. प्राप्त राशि को व्ययों के विभिन्न वर्गों में विभाजित कर दिया जाता है. बजट प्रायः एक वर्ष का बनाया जाता है. परन्तु इसे संगठन की दीर्धकालीन योजना को ध्यान में रखना होता है. बजट में भावी व्ययों का भी उचित प्रावधान किया जाना अनिवार्य होता है.
रिपोर्टिंग/प्रतिनिधित्व (Reporting/Representation)
प्रबंधक, संस्था के स्वामी या संचालन मण्डल के प्रति भी उत्तरदायी होता है. यदि उसके रिपोर्ट में नियोजित व्यवस्था की तुलना में कुछ विचलन है. तो उसके कारणों का वर्णन करना होता है. प्रबंधक सरकार, बैंक, क्रेता आदि से बाते करते समय कम्पनी का प्रतिनिधित्व करता है. संघर्ष के समय न्यायालय में एवं वाद के समय मैनेजर कम्पनी का प्रतिनिधित्व करता है. अतः प्रबंधक को कम्पनी की वित्तीय स्थिति करों संबंधित नियम, आद्योगिक अधिनियम व्यापार संघ अधिनियम व औद्योगिक ट्रिब्यूनल आदि की जानकारी होनी चाहिए
प्रबंधक के अन्य कार्य – Other functions of manager hindi
- अनुशासन बनाये रखना तथा विभिन्न विभागों के कर्मचारियों पर नियंत्रण रखना
- वर्करों के कार्य तथा मशीनों का वितरण इस प्रकार करना की अधिकतम उत्पादन हो सके
- दक्षता में सुधार लाने के लिए प्रभावी निरीक्षण करना
- नए विचारों तथा सुधारों का सुझाव देना
- दक्षतापूर्ण भण्डारण तथा अभिलेखन की व्यवस्था करना
- भुगतान करने तथा उनका अभिलेख तैयार करने की व्यवस्था करना
प्रबंधन के सिद्धांत क्या है – What is management principles
प्रबंधन के सिद्धांत की सूची इस प्रकार है –
निर्णय सिद्धांत (Decision Theory)
प्रबंधन प्रक्रिया में निर्णय सिद्धांत एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. प्रबंधन एक न्यायोचित निर्णय लेने की प्रक्रिया से प्रारम्भ होता है.
प्रबंधक द्वारा लिए जाने वाले निर्णय निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं –
निति निर्णय – यह संस्था के मुख्य विचारों से संबंधित रहता है. जिसमे संस्था इस बात का प्रयास करता है की कौन से सामान्य सिद्धांत संस्था निर्देशन व वित्त आदि के लिए उपयोगी सिद्ध होंगें
प्रशासनिक निर्णय – इसमें उन निर्णयों को सम्मिलित करते है जिसमे निति के क्रियाविन्य को सम्मिलित करना हो
प्रशासकीय निर्णय – यह निर्णय उस समय लिए जाते हैं जबकि कार्य वास्तव में करना हो इनका संबंध प्रायः निति निर्णय एवं प्रशासनिक निर्णय से रहता है. निर्णय संबंधी नियम अनुकूलतम परिणाम को प्राप्त करने का एक हल माना जाता है.
परिमाणात्मक/गणितीय/संचालन खोज सिद्धांत
परिणात्मक तकीनीकी आधुनिक प्रबंध जगत में एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में प्रयोग की जाती है. किसी भी संस्था के परिणात्मक अध्ययन का उपयोग उन ढंगों को ज्ञात करने में किया जाता है जो की उनके कार्यों में प्रगति ला सके अतः वैज्ञानिक एवं परिणात्मक निर्णय लेने के आधार की खोज सिद्धांत कहलाता है.
खोज सिद्धांत में निम्नलिखित तकनीकों को सम्मिलित करते हैं –
- गणितीय सिद्धांत
- पंक्तिबद्ध सिद्धांत
- खेल सिद्धांत
- सांख्यिकी प्रायिक सिद्धांत
व्यावहारिक विज्ञान (Behavioural Science)
वर्तमान प्रबंध व्यवहार में मनोविज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान का संगठनात्मक व्यव्हार से संबंध रखता है वैज्ञानिकों का विचार है की उत्पादकता सामाजिक घटकों पर निर्भर करती है ना की भौतिक घटकों पर मानवीय संबंध मानव व्यवहार के कार्यों का अध्ययन है कोई भी संस्था एक सामाजिक पद्धति का अंग है. जिसकी सफलता प्रभावकारी व्यवहारात्मक विज्ञान के सिद्धांतों के उपयोग पर निर्भर करती है. वर्तमान समय में व्यवहारात्मक विज्ञान के अंतर्गत नैतिक अभिप्रेरणा सामाजिक नेतृत्व, सवहन, सामाजिक पद्धति, कर्मचारियों का विकास आदि का प्रभाव व विकास सम्मिलित किया जाता है.
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आखिर में
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