Motivational training : अभिप्रेरणा एक ऐसा आंतरिक बल है जो व्यक्ति को लक्ष्य की ओर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है, अग्रसर करता है. हर व्यक्ति को अपने जीवन के सहीं दिशा में कार्य के लिए अभिप्रेरणा, प्रेरणा या motivation की आवश्यकता पड़ती ही पड़ती है.
आज के इस लेख – अभिप्रेरणात्मक प्रशिक्षण क्या है (motivational training) में हम जीवन में प्रेरणा के महत्व और इसके कार्य को समझेंगें –
अभिप्रेरणात्मक प्रशिक्षण क्या है – what is motivational training
अभिप्रेरणात्मक का तात्पर्य स्वआत्मबल से है. तथा प्रशिक्षण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति या प्रशिक्षार्थी के अन्दर आत्मबल विकसित किया जाता है. परिणामस्वरुप वह व्यक्ति अपने कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है.
सफलता प्राप्ति हेतु आवश्यक गुण – essential qualities for success
सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ ऐसे गुण हैं जो motivational training in hindi के दौरान प्रेरक का कार्य करते हैं. तथा व्यक्ति के सफलता प्राप्ति में सहायक होते हैं. ये निम्न है –
1. अभिप्रेरण
हम सभी के अंदर एक आत्मबल होता है. जो हमें अपने जीवन के विभिन्न निर्णयों को लेने तथा विभिन्न कार्यों को करने हेतु प्रोत्साहित करता है. बिना आत्मबल और अभिप्रेरणा (motivational training) के कोई भी कार्य संपन्न नहीं हो सकता
और कार्य किये किसी भी तरह के परिवर्तन तथा समृद्धि की कल्पना नहीं की जा सकती है. इसलिए जीवन में सफलता प्राप्ति का पहला कदम स्वयं के भीतर कार्य करने की अभिप्रेरणा उत्पन्न करना है.
2. प्रतिबद्धता
प्रतिबद्धता का तात्पर्य अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर देना फिर परिणाम का इंतेज़ार करना, अगर हम अपने कार्य के प्रति पूर्णतः समर्पित होंगे तो निश्चित रूप से हमे इक्षित परिणाम की प्राप्ति होगी.
यहाँ इस बात का कोई महत्व नहीं रह जाता की हमने अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कितना ऊर्जा व्यय किया, क्योंकि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हमारा लक्ष्य होता है.
एक वचनबद्ध/प्रतिबद्ध व्यक्ति के गुण –
- अपने समय ऊर्जा एवं धन को बेहतर ढंग से उपयोग करने हेतु अभिप्रेरित करता है.
- तनाव एवं दबाव में रहने के बावजूद समय पर लक्ष्य प्राप्त कर सकता है.
- ऐसे विचारों और कार्यो को टालता है जो केवल थोड़े समय के लिए परिणाम देते हैं.
- विपत्ति के समय भी धैर्य बनाये रखता है. और इक्षति लक्ष्य की प्राप्ति पर अपना ध्यान केंद्रित करता है.
- समस्याओं अथवा मुद्दों को सुलझाने के लिए रचनात्मक प्रवीणता एवं संसाधनों का समुचित उपयोग करता है.
3. समर्पण – Dedication
समर्पण वह गुण है जो हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ होने का सीख देता है. समर्पित होने का तात्पर्य यह है कि आपने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ठान ली है. और तब तक पीछे नहीं हटेंगें जब तक कि आप इसे प्राप्त ना कर लें.
4. दृढ़ता – Perseverance
दृढ़ता वह गुण है जो आपके सफलता के मार्ग में आने वाली बाधाओं के समक्ष हार ना मानने का उत्साह देता है. अध्यवसायी होने का अर्थ लचीला होना भी होता है. अर्थात ऐसे लोगों का एकमात्र उद्देश्य चूँकि अपने लक्ष्य को प्राप्त करना होता है.
इसलिए वे किसी निश्चित प्रक्रिया अथवा प्रयाश में सफलता नहीं मिलने पर अपनी प्रयास की दिशा में परिवर्तन भी कर लेते हैं. परन्तु अपनी कोशिस कभी नहीं छोड़ते और अंततः अपने लक्ष्य को पाकर ही दम लेते हैं.
5. अनुशासन – Discipline
अनुशासन खुद पर नियंत्रण करने का गुण है. यह उस वक्त आपकी सफलता प्राप्ति में मददगार है, जब कभी आप अपने लक्ष्य की राह से भटकने लगते हैं. अनुशासन के गुण के कारण ही व्यक्ति अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए छोटे-छोटे आनन्द और लाभप्राप्ति का परित्याग करता है.
उदाहरण – मान लीजिये आप घर के एक कमरे में बैठकर पढ़ रहे हो और बाहर के कमरे में टी.वी. पर आपकी कोई पसंदीदा फिल्म चल रही हो तो भी आप उठकर बाहर नहीं जायेंगें क्योंकि आपके लिए पढाई ज्यादा महत्वपूर्ण है जो आपको आपके लक्ष्य की प्राप्ति करवा सकता है. इसलिए कहा भी गया है – “अनुशासन सफलता की कुंजी है”
- जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए – SWOT विश्लेषण करें
अभिप्रेरणात्मक प्रशिक्षण – नेतृत्व हेतु आवश्यक गुण
किसी भी व्यक्ति के लिए स्वयं को एक सफल नेता साबित करना बहुत ही चुनौती भरा कार्य है. क्योंकि इसके लिए पर्याप्त कौशल, अनुभव और ज्ञान की आवश्यकता होती है. व्यक्ति के सभी गुण पॉजिटिव दिशा में हो यह बहुत जरुरी है.
एक लीडर में ये निम्न गुण होने चाहिए –
- लोगों में गंभीर रूचि होनी चाहिए
- अपनी क्षमताओं एवं अपनी सीमाओं के प्रति स्व-जागरूक हो तथा उनकी एक स्पष्ट समझ रखता हो
- अग्रगामी नेतृत्व के विकास हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध हो
- संकट की घडी में भी आगे बढ़ने की लगन एवं उत्साह रखता हो
- उच्च मानकों को निर्धारित करने वाला तथा उन पर अमल करने वाला हो
अभिप्रेरणात्मक प्रशिक्षण का धनात्मक प्रकृति का प्रभाव
पॉजिटिव सोंच एक मानसिक मनोवृति है जो व्यक्ति के विचारों, शब्दों तथा कल्पनाओं में झलकती है. और उसकी वृद्धि विस्तार और सफलता को निर्धारित करती है. दूसरे शब्दों में कहा जाये तो यह ऐसी मानसिक वृत्ति है जो आपेक्षित सफलता और परिणाम की प्राप्ति को सम्भव बनाती है.
एक पॉजिटिव मस्तिष्क में – हर्ष, उल्लास, आनन्द, स्वास्थ्य तथा प्रत्येक स्थिति का सफल परिणाम अपेक्षित होता है, एक पॉजिटिव सोंच वाला व्यक्ति जो कुछ भी सोचता है. वह उसे प्राप्त कर लेता है.
प्रायः कई लोग पॉजिटिव चिन्तन के महत्व को स्वीकार नहीं करते हैं. कुछ लोग तो इसे बकवास मानते हैं और वे वैसे लोगों का मजाक उठाते हैं जो इस धारणा को मानते हैं.
जो लोग इस धारण को मानते हैं उनमे से अधिकतर लोगों को यह पता नहीं होता कि सही परिणाम प्राप्त करने के लिए किस तरह प्रभावी ढंग से इसका उपयोग किया जाये. फिर भी वर्तमान भाग-दौड़ भरी जिंदगी कठिन पे कठिन होती जा रही है. और life में धनात्मक चिंतन की महत्ता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
अभिप्रेरणात्मक प्रशिक्षण – स्व जागरूकता
अपनी व्यस्त दिनचर्या में शायद ही हमें यह सोंचने का मौका मिला होगा कि हम कौन है, हमारी क्षमताएँ एवं कमजोरियाँ क्या है, हमारा व्यक्तित्व, हमारी आदतें, एवं हमारे मूल्य क्या है. इसके अलावा हममे से ज्यादातर लोग खुद को जानेंगें में रूचि ही नहीं लेते.
किसी व्यक्ति द्वारा हमारे लिए कहे गए शब्द में तारीफ और चाटुकारिता को पहचानने की क्षमता हममे होनी चाहिए. इसे स्वीकार ना करने का परिणाम यह होता है कि हमारी स्व-जागरूकता का स्तर नीचे चला जाता है.
यह एक अच्छी स्थिति नहीं है क्योंकि प्रबन्धकीय कौशल को बेहतर करने की दिशा में self-awareness एक महत्वपूर्ण कदम है. यह किसी व्यक्ति की निर्णय क्षमता को उन्नत बना सकता है.
स्व जागरूकता की महत्ता – importance of self awareness
स्व जागरूकता बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि जब हमें खुद के बारे बेहतर समझ होती है तो ही हम मन के अनुसार परिवर्तन करने में सक्षम हो पाते हैं. स्व जागरूकता हमे अपने लिए उस सीमा के निर्धारण में भी सहायता प्रदान करती है जिसके अंतर्गत हम खुद को उन्नत एवं समृद्ध बनाते हैं स्व-जागरूकता को लक्ष्य निर्धारण का पहला कदम माना जाता है.
लक्ष्य निर्धारण क्यों महत्वपूर्ण है – Why goal setting is important
इस प्रश्न के उत्तर में अलग-अलग लोगों द्वारा अपनी अलग-अलग राय व प्रतिक्रिया है. कुछ लोगों के लिए जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए लक्ष्य का निर्धारण आवश्यक है. तो कुछ के लिए आवश्यक नहीं है.
सभी कारणों को देखा जाये तो मूल यह है कि लक्ष्य का निर्धारण हमें स्वयं को अभिप्रेरित करने तथा अपने समय एवं ऊर्जा का बेहतर सदुपयोग करने के लिए आवश्यक है.
इसलिए यदि आप जीवन में सफल होना चाहते हैं हैं तो आपको एक व्यक्तिगत विकास योजना जिसके अंतर्गत एक उद्देश्यपूर्ण लक्ष्य हो अवश्य बनानी चाहिए – याद रखिये अगर आपको स्वयं ही पता नहीं है कि जाना कहाँ है तो कोई भी रास्ता आपको अपनी मंजिल पर नहीं पंहुचा सकता.
एक बार जब आप अपना व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं, तो आप पायेंगें आपका जीवन पहले से अधिक अर्थपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण हो गया है. क्योंकि आपका लक्ष्य आपको एक सुनिश्चित दिशा में कार्य करने हेतु अभिप्रेरण प्रदान करता है.
डाक्टर स्टीवन कोवे के अनुसार – ” हम सभी को अपने जीवन में कुछ पूर्ण निश्चित भूमिकाएं निभानी होती है और उन भूमिकाओं को प्रभावी ढंग से निभाने के लिए हमें प्रत्येक भूमिका से संबंधित कुछ सुनिश्चित उद्देश्य निर्धारित करने होते हैं.
आखिर में
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