जिस तरह पढ़ना एक कला है, ठीक उसी प्रकार सुनना (श्रवण कौशल listening skills) भी एक कला है. जो हर किसी को नहीं आता परन्तु जो इस श्रवण कौशल के महत्व को समझ पाता है, उसके लिए अन्य कार्य जैसे – अच्छा पठन करना व अच्छा संचार कौशल से निपुण होना एक बेहतरीन वक्ता बनना इत्यादि कार्य आसान हो जाता है. श्रवण कौशल (listening skills) के बारे में ज्यादातर लोग ध्यान नहीं देते
परन्तु देखा जाये तो यह एक basic ज्ञान है जिसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए listening skills किसी व्यक्ति को एक अच्छा वक्ता, अच्छा पाठक और एक सफल इंसान बना सकता है.
इस लेख – श्रवण कौशल, सुनने की कला (listening skills) में हम इन्ही बातों को जानेंगे – कि आप किस तरह बेहतर श्रवण कौशल में माहिर हो सकते हैं.
श्रवण क्या है – What is listening
श्रवण या सुनने का मतलब है अपने आस-पास के चीजों से उत्पन्न होने वाली आवाजों का कानों तक पहुंचना. उदाहरण के लिए – आप अपने कमरे में बैठे हैं, और कमरे में पंखा चल रहा है. दूसरी तरफ माँ आवाज लगाती है. वही खिड़की के बाहर चिड़िया चह-चहा रही है.
इन सभी के आवाजों का कानो तक पहुंचना व हमें सुनाई देना श्रवण (listening) कहलाता है.
श्रवण कौशल क्या है – What is listening skills
जब आप अपने कमरे में बैठे हैं और ऊपर दी गई सारी क्रियाएं हो रही है, परन्तु सभी ध्वनियों पर ध्यान ना देते हुए, केवल एक ध्वनि पर अपना ध्यान केंद्रित करना और उसे अच्छे से सुनना श्रवण कौशल (listening skills) कहलाता है.
एक अच्छे listening skills के लिए मानसिक एकाग्रता होना बहुत जरुरी है, क्योंकि जब आपका मस्तिष्क एकाग्र होगा तब आप शब्दों और वाक्यों के अर्थ को अच्छे से समझ पाएंगे. शिक्षा के क्षेत्र में तेज श्रवण कौशल (sharp listening skills) का होना बहुत ज्यादा जरुरी है.
प्रभावी सुनने की परिभाषा – Definition of effective listening
प्रभावी श्रवण कौशल का मतलब होता है किसी के बातों को सुनते हुए उन बातों में छुपे संदेस को समझना। तथा उस व्यक्ति का उस विषय में क्या विचार है इस चीज की जानकारी रखना। इसी के माध्यम से हम लोगों के विचार को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं।
जब हमें अन्य लोगों के विचारों का गहरा ज्ञान होता है, चाहे हम उससे सहमत हो या न हो। तब हम उनके विचारों, भावनाओं, मानशिकताओं को समझ पाने में सक्षम हो जाते हैं।
प्रभावी श्रवण कौशल (impressive, listening skills) से हम किसी भी समस्या की गहराई तक जा सकते हैं, और उस समस्या का उचित हल (समाधान) ढूंढ सकते हैं।
प्रभावी श्रवण कौशल की प्रमुख विशेषताएं – Features of Effective Listening Skills
प्रभावशील श्रवण कौशल (listening skills in hindi) के लिए मुख्य रूप से चार बातें याद रखने योग्य है –
- प्रभावी श्रवण कौशल के लिए मानशिक एकाग्रता और ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- इससे वक्ता और श्रोता के बीच एक मनोवैज्ञानिक संबंध स्थापित होता है।
- चीजों को अन्य व्यक्ति के नजरिये से देखने की इक्षा शामिल होती है।
- इसके लिए आपको शीघ्र निर्णय लेने व मूल्यांकन करके की क्रिया को टालना पड़ता है।
friend’s वास्तव में श्रवण (listening) एक कला है जिसमे आप निरंतर प्रयास से कुशल हो सकते हैं. एक बात हमेसा ध्यान रखें कि हमेसा बेहतर श्रोता बनने की कोशिस करें ताकि आपका संचार कौशल (communication skills) बढ़िया हो सके। इसके लिए एक कहावत भी है – अच्छा श्रोता ही एक अच्छा वक्ता हो सकता है जब आप किसी बात को ध्यान से सुनते हैं तब कई नई-नई चीजे सीखते जाते हैं।
प्रभावी श्रवण कौशल में रुकावट – impediment to effective listening skills
प्रभावी श्रवण में रुकावट होने के एक नहीं बल्कि अनेक कारण है जिनकी सूची आप नीचे देख सकते हैं –
- श्रवण कौशल के रुकावट में पहला कारण हमारे द्वारा आलस्य किया जाना है (टालमटोल-आदत,फायदे और छुटकारा)
- हमारी सोच – जब कोई व्यक्ति हमारी बात नहीं सुनता, तो हम किसी की बात क्यों सुने।
- व्यक्ति की शारीरिक थकान व असहजता।
- मन का विचलित होना।
- बोलने की इक्षा होना।
- वक्ता के प्रति प्रतिक्रिया।
- विभिन्न प्रकार की सोच और मानशिकता
- etc .
इस प्रकार ऊपर बताया गया कुछ कारण है जो आपको एक अच्छा श्रोता बनने श्रवण कौशल (listening skills) विकसित करने के लिए रुकावट पैदा करती है. फलतः आप किसी चीज को गहराई से समझ नहीं पाते।
इससे बचने के लिए आप किसी व्यक्ति की बातों को पूरा ध्यान से सुने और अपने अंदर एक अच्छा श्रवण कौशल (listening skills) विकसित करें।
प्रभावी श्रवण कौशल के लिए क्या करें – What to do for Effective Listening Skills
ज्यादातर लोग प्रभावी वक्ता बनना तो पसंद करते हैं परन्तु एक प्रभावी श्रोता बनना किसी को पसंद नहीं। क्योंकि एक श्रोता बनना लोगों के लिए कठिन काम है। हालांकि प्रभावी श्रोता के गुणों को एक वक्ता की तरह ही सीखा जा सकता है।
हमें समझने की जरुरत है कि जब तक हम किसी की बातों को ध्यान से सुनेगें नहीं, तब तक उसकी उचित व्याख्या कैसे कर पाएंगे।
प्रभावी श्रवण कौशल के लिए टिप्स – Tips for Effective Listening Skills
श्रवण कौशल में निपुण होने और एक कुशल श्रोता बनने के लिए इन बातों का पालन करें –
- अपना सारा ध्यान वक्ता के बातों पर लगाए कहीं और ना भटकाए, इसके लिए निम्न बातों का पालन करें –
- वक्ता जब बात कर रहा हो उसे प्रत्यक्ष रूप से देखते रहें।
- अपने दिमाग में आने वाले अन्य विचारों को फ़िलहाल के लिए रोक लें।
- वक्ता की बॉडी लेंग्वेज पर ध्यान दें।
- जब आप ध्यान से बातों को सुन रहें है तब बीच में किसी दूसरे व्यक्ति से काना-फुसी ना करें।
- वक्ता को आभास दिलाए की आप उसकी बातों को ध्यान से सुन रहे हैं – इसके लिए
- समय-समय पर अपना सिर हिलाए।
- बीच-बीच में मुस्कुराए।
- बीच-बीच में हाँ, हूँ में जवाब देकर वक्ता को प्रोत्साहित करें।
- वक्ता जब बोल रहा हो तब बीच-बीच में उससे प्रश्न पूछे जैसे – आपका कहने का मतलब है कि ….. ? आप क्या चाहते हो कि……? etc.
- अगर वक्ता बात करते हुए बीच में रुकता है तब आप उसकी बातों का सक्षिप्त सार देकर उसका उत्साह वर्धन कर सकते हो।
- वक्ता को निर्दय देने के लिए बीच में ही ना टोकें इससे वह परेशान हो सकता है और अपनी बातों को अच्छे से स्पष्ट ना कर पाए।
- अपने बातों का निष्कर्ष वक्ता को स्वयं निकालने दें।
- सामने वाले व्यक्ति से उसी तरह का व्यवहार करें जैसा वह आपसे किये जाने की उम्मीद रखता है।
ट्रिपल ए श्रवण कौशल क्या है – What is Triple A Listening Skills
आप जानते हैं कि किसी भाषण या किसी वक्ता के बातों को सुनने के बाद ही जाना व समझा जा सकता है। परन्तु ध्यान से सुनने का मतलब ऐसे ही सुनना नहीं होता क्योंकि ध्यान से किया गया श्रवण (listening) एक चेतना का कार्य है। जो तीन कौशलों (skills) पर निर्भर करता है या कह सकते हैं आधारित है –
- मनोवृत्ति
- ध्यान और
- समायोजन।
इन्ही तीनों कौशलों को Triple A Listening Skills कहा जाता है. चलिए इसको विस्तार से समझते हैं –
1. मनोवृत्ति, श्रवण कौशल – Attitude listening skills
हमेसा रचनात्मक मनोवृत्ति अपनानी चाहिए क्योंकि एक धनात्मक मनोवृत्ति आपके ज्ञान के लिए अनेक रास्ते खोलती हैं. आप जितना अधिक सुनेंगे सीखेंगें, उतना अधिक ज्ञान ग्रहण करेंगें।
कभी भी यह सोच कर किसी की बातों को ना सुने कि इसकी बातें उबाऊ होगी, और अगर आप उससे सहमत नहीं भी है तब भी उसे सीधे-सीधे गतल ना कहें क्योंकि ऐसा करके ही आप वक्ता के मुख्य उद्देश्य को समझ पाएंगे।
2. ध्यान, श्रवण कौशल – Attention, listening skills
वक्ता के बातों पर पूरी तरह ध्यान दें, जब आप किसी की बातों को ध्यान से सुन रहे होते हैं तब उसके सारे शब्द आपके लघु कालीन स्मृति में इकठ्ठा होते रहते हैं और तेजी से सक्रिय होते हैं
परन्तु अगर आप शब्दों को ध्यान से नहीं सुनते तो शब्द लघु कालीन स्मृति में इकठ्ठा होने के बावजूद वही पर नष्ट हो जाते हैं इसलिए आपको चाहिए कि आप वक्ता की बातों को ध्यान से सुने।
3. समायोजन, श्रवण कौशल – adjustment, listening skills
अपने विचारों को समायोजित करने की क्षमता विकसित करें, हलाकि ज्यादातर वक्ताओं के भाषण से यह स्पष्ट हो जाता है कि वे किस सम्बन्ध में बात कर रहे हैं बावजूद इसके आपमें यह skill होना चाहिए कि आप वक्ता के भावनाओं को समझ जाएँ।
अगर किसी कारणवश वक्ता की बाते आपको समझ नहीं आ रही, तब आप उससे पूछ कर अपना डाउट क्लियर कर लें।
क्रियाशील श्रवण कौशल – active listening skills
हमारे अनेक कौशलों में से एक कौशल ध्यान पूर्वक सुनना, श्रवण करना है आप कितना बेहतर तरीके से बातों को सुनते व समझते है इसका असर आपकी जिंदगी में बेसक दिखता है। और वो इसलिए –
- क्योंकि श्रवण (listening) द्वारा हम अनेक सूचनाएं प्राप्त करते हैं।
- श्रवण के माध्यम से ही हम विभिन्न मुद्दों को समझ पते हैं।
- श्रवण से ही हम अनेक विषयों को सीख पाते हैं।
- और श्रवण कौशल के माध्यम से ही हम आनंद प्राप्त करते हैं।
निष्कर्ष
ऊपर लिखे बातों को पढ़कर आप समझ ही गए होंगे कि एक बेहतर श्रवण कौशल (better listening skills in hindi) हमारे जीवन में कितना महत्पूर्ण है,
यहीं हमारी नीव/आधार विकशित करती है क्योंकि यह पहली सीख है अच्छा पढ़ने, अच्छा लिखने, अच्छा बोलने के लिए. इसलिए ऊपर लिखे इन बातों को अपने जीवन में अवश्य उतारें।
अपना थोड़ा समय दें.
हमें उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख श्रवण कौशल क्या है…. बेहतर सुनने की कला (listening skills in hindi) पसंद आया होगा और इसे आप अपने जीवन में जरूर उतारेंगे, दोस्तों हमें एक बेहतरीन ज्ञान से भरा लेख लिखने और रिसर्च करने में घंटो का समय लग जाता है
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