भारत के युवा उद्यमी 2024

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ज्यादातर भारतीय लोग अपने ही देश के युवा उद्यमियों के बारे में नहीं जानते, जबकि हर व्यक्ति को इन उद्यमियों के बारे में जानना चाहिए, इनसे कुछ सीखना चाहिए. कैसे इन्होने इतनी कम उम्र में कुछ अलग और बेहतरीन कर दिखाया, जिस उम्र में ज्यादातर लोग अपने आप को games खेलने में व्यस्त रखते हैं.

इस लेख का मकसद प्रत्येक व्यक्ति तक यह जानकारी पहुँचाना है कि….. प्रतिभा के लिए किसी उम्र की आवश्यकता नहीं होती, जरुरत होती है तो बस skills और हौसलों की.स्वयं को पहचानें और वह करे – जो वाकई में आपको करना चाहिए।।।।

भारत के युवा उद्यमियों की सूची

1. भारतीय युवा उद्यमी तिलक मेहता

Young Entrepreneur Tilak Mehta

हमने (indian Young Entrepreneurs In Hindi) लेख में तिलक मेहता का नाम सबसे ऊपर इसलिए रखा है क्योंकि तिलक मेहता वह नाम है जिन्होंने महज 13 साल की उम्र में पेपर्स एन पार्सल (papers n parcels) कंपनी की स्थापना सन 2018 में की. पेपर्स एन पार्सल एक सामान पार्सल करने वाली कम्पनी है जो आपके चीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का सेवा देती है वह भी बहुत कम चार्जेस (40 रूपये चार्ज) पर.

हलाकि यह सेवाए अभी के समय में केवल मुंबई तक ही सिमित है, परन्तु एक इंटरव्यू के दौरान तिलक मेहता का कहना है कि वे इस कंपनी और सेवा को पुरे भारत में फैलाना चाहते हैं.

पेपर एन पार्सल कंपनी के स्थापना के पीछे की कहानी

तिलक मेहता कहते हैं जब वे शहर के किसी दूसरे कोने पर स्थित अपने अंकल के घर पर गणित की एक किताब भूल गए और अगले ही दिन गणित की परीक्षा थी.

तिलक को वह किताब उसी दिन चाहिए था परन्तु ऐसा कोई माध्यम नहीं था जिससे उसे वह किताब उसी दिन मिल पाता। पार्सल के माध्यम से किताब आ तो जाता पर उसमे कई दिनों का वक्त लगता, साथ ही पार्सल का चार्ज (कीमत) इतना था जिससे गणित की एक नई किताब ही खरीदा जा सकता था.

तिलक मेहता को सामान एक स्थान से दूसरे स्थान सेम डेट पर पहुंचाने का आईडिया मुंबई के टिपिन वालों से मिला, मुंबई के डिब्बे वाले कैसे कम समय में सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पंहुचा देते हैं.

फिर तिलक मेहता ने डेवलपर से एक एप्प तैयार करवाया जिसमे 8 माह का समय लगा, इस apps के माध्यम से पार्सल के लिए सेवा लिया जा सकता है.

तिलक मेहता ने 100 लोगो को कमीशन के बेस पे और 300 डिब्बेवालों को तनख्वाह पे रखा हुआ है। तिलक ने smart तरीके से मुंबई को 63 भागों में बाटा है.

जिसमे एक व्यक्ति केवल 3 किलोमीटर के दायरे में रहता है। अगर सामान को a स्थान से z तक पहुँचाना है तो 63 लोगों से होकर गुजरना पड़ेगा जिससे काम आसान हो जाता है।

2. भारतीय वेब डिजाइनर और उद्यमी श्री लक्ष्मी सुरेश

Indian Web Designer And Entrepreneur Lakshmi Suresh

अब जिस उद्यमी के बारे में हम आपको बताने वाले है उसके बारे में आपको विश्वास करना थोड़ा मुश्किल हो जायेगा क्योंकि इतनी कम उम्र में इतना कुछ प्राप्त कर लेना यह किसी कल्पना से कम नहीं है।

indian young entrepreneursश्री लक्ष्मी सुरेश का जीवन परिचय
नामश्री लक्ष्मी सुरेश
जन्म1998, कोझिकोड, केरल, भारत
पिता जीसुरेश मेनन (वकील)
माता जीविजु सुरेश
श्री लक्ष्मी सुरेश का व्यवसायवेब डिजाइनर, उद्यमी
CEO और संस्थापक 2006edesign co in
कंपनी सेवाएं देती हैंवेब डिजाइनिंग, लोगो डिजाइनिंग,
वेब डेवलॅपमेंट, SEO, etc.
उपलब्धिया और पुरस्कारyoungest ceo & youngest
web designer
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
नेशनल चाइल्ड अवार्ड फॉर अचीवमेंट
द वर्ल्ड वेब अवार्ड, etc.

श्री लक्ष्मी सुरेश के पिताजी कहते हैं जब लक्ष्मी 3 साल की थी तब से कम्प्यूटर के बारे में विशेष दिलचस्पी रही, लक्ष्मी ने केवल 6 साल की उम्र में अपनी पहली website बनायीं. और जब वे 9 साल की थी तो अपने school के लिए एक website बनायीं जिसका उद्घाटन केरल के वन मंत्री ने किया था। इसी समय उन्हें यंगेस्ट वेब डिजाइनर का अवार्ड श्री मति सोनिया गाँधी के हांथो से दिया गया.

तो यह थी कहानी Indian Young Entrepreneurs श्री लक्ष्मी सुरेश की जिन्होंने यह शाबित कर दिया की प्रतिभा के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती।

भारतीय उद्यमी श्रद्धा शर्मा

Indian Young Entrepreneurs Shradha Sharma

श्रद्धा शर्मा मेरे पसंदीदा उद्यमियों के लिस्ट में सबसे पहला है. इसका कारण यह है कि उन्होंने शुरुवात blogging से की और अपनी कड़ी मेहनत व लगन से अपने blog को एक कंपनी में बदल दिया,आज के टाइम पे इनके नाम कई बड़ी उपलब्धियां है परन्तु सुरुवात इतना आसान नहीं था. हम केवल व्यक्ति के सफलता को देखते हैं परन्तु इसके पीछे छुपी कड़ी मेहनत को नहीं सोचते, ना जाने कितनी राते जगकर हजारों मुश्किलों को पार करते हुए उन्होंने यह मुकाम पाया है,

भारतीय युवा उद्यमी में श्रद्धा शर्मा का नाम इसलिए और भी ऊंचा हो जाता है क्योंकि वे एक महिला हैं और लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी. श्रद्धा शर्मा बिहार के पटना की रहने वाली हैं वे पढाई में शुरुआत से ही तेज़ थी। अपने collage के पढ़ाई के दौरान उन्होंने क्लासमेट रहे इंजिनियर गौरव से शादी कर ली जो पेशे से एक उद्यमी (entrepreneur) है.

श्रद्धा शर्मा CNBC TV18 में सबसे कम उम्र वाली असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट भी बनी। तथा वे times of india में ब्रांड एडवाइजर भी रह चुकी हैं। श्रद्धा शर्मा को 2008 में लगा कि छोटे उद्यमियों के बारे में न्यूज चैनल व समाचार पत्रों में ज्यादा लिखा नहीं जा रहा तब उन्होंने उद्यमियों के बारे में अपने ब्लाग yourstory.com पर लिखना शुरू कर दिया.

शुरुवात में उन्हें बहुत सारा रिजेक्शन और परेशानियों का सामना करना पड़ा उनकी माँ का देहांत भी उसी समय हो गया, परन्तु उनकी हौसलों की बदौलत your story दुनिया का नम्बर वन ब्लॉग बन गया जो उद्यमियों और उद्यमिता के विषय में लिखता है। आप your story को 22 भाषाओँ में पढ़ सकते हैं, your story की team में आज सौ से भी अधिक लोग शामिल है.

your story की पॉपुलरिटी का अंदाजा आप इस बात से लगा लीजिये कि – रतन टाटा, वाणी कोला, मोहन दास जैसे पावरफुल लोगों ने इस पर इन्वेस्ट किया है. अगर श्रद्धा शर्मा की उपलब्धियों की बात की जाए तो अनेक सम्मानों से नवाजा गया है –

  • NASSCOM पारिस्थितिकी तंत्र इंजीलवादी सम्मान।
  • जर्नलिस्ट आफ द ईयर अवार्ड 2010 .
  • लोरियल पेरिस फेमिना अवार्ड।
  • लिंक्डन प्रोफ़ाइल में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली उद्यमी।
  • top 5 महिला उद्यमी।

यंग भारतीय उद्यमी रितेश अग्रवाल

Young Indian Entrepreneur Ritesh Agarwal

बहुत ही कम उम्र के अरबपति उद्यमी में रितेश अग्रवाल का नाम टॉप में आता है, उनका जन्म ओडिशा के कटक, रायगढ़ा में सन 1993 में हुआ वे सुरुवाती समय से ही पढाई, और खासकर बिजनेस books की पढाई में विशेष रुची लेते थे.

उन्हें पढाई के दौरान टाटा इंस्ट्यूट ऑफ फँडामेन्टल रिसर्च – एसियन साइंस कैम्प के लिए भी सलेक्ट किया गया तब उनकी उम्र केवल 16 साल थी। वे पढाई के वजह अलग-अलग शहरों की यात्रा किया करते और कई होटलों में रुका करते थे, यही से उन्हें होटल बिजनेस का idea मिला, वे airbnb से भी बहुत अधिक प्रभावित थे जो online होटल बुकिंग कम्पनी है.

फिर रितेश अग्रवाल ने 2012 में जब वे 19 साल के थे oravel stays की स्थापना करी जो ऑनलाइन होटल बुकिंग कम्पनी थी यह कम्पनी बहुत ही कम दाम पर होटल बुक कराती थी, सुरुवात में रितेश अग्रवाल को ventore nursery से 30 लाख की फंड भी मिल गयी जो उनके बिजनेस के लिए मददगार शाबित हुई. परन्तु उन्हें अपने पहले स्टार्टअप पर सफलता नहीं मिली और इसका कारण था होटल में रुकने वाले लोगों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध ना करा पाना, ग्राहकों को कम दाम पर होटल तो मिल जाते परन्तु उन्हें होटल के अंदर उचित सुविधाएं नहीं मिलती।

रितेश अग्रवाल ने इन सब कमियों के बारे में रिसर्च करना शुरू कर दिया और सभी कमियों को दूर करने लगे। एक बार फिर उन्होंने अपने कम्पनी को एक नए नाम oyo rooms के रूप में रिलांच किया, और सभी प्रकार की सुविधाएं अन्य से कम दाम पर उपलब्ध कराने लगे। आज के समय में इस कम्पनी की कीमत 36000 करोड़ से भी अधिक है व फ्लिपकार्ट और पे टी एम के बाद यह तीसरी बड़ी कम्पनी है जो दस लाख से भी अधिक रूप प्रोवाइड कराती है.

इस कंपनी की सेवाएं भारत के अलावा चाइना, मलेशिया, नेपाल, फिलीपींस, जापान, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, यूनाइटेड अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम जैसे अनेक देशों में है। तो यह story है Indian Young Entrepreneurs रितेश अग्रवाल का जिन्होंने अपनी पढाई को बीच में ही छोड़कर इतने बड़े स्टार्टअप का नीव रखा।

भारत के युवा उद्यमी अद्वैत ठाकुर

Indian Young Entrepreneur advet thakur

अद्वैत ठाकुर बहुत ही कम उम्र के भारतीय उद्यमी है जिनका जन्म सन 2003 में मुम्बई में हुआ। ये 6 साल की उम्र से ही computer में विशेष रुची रखते थे इसका सबसे बड़ा कारण था उनके पिताजी का ज्यादातर घर पर coding work करना, पिताजी आई.टी सेक्टर पर काम करते थे इसलिए उन्हें आफिस से संबंधित अनेक कोडिंग के काम घर पर करने पड़ते थे।

पिता का देखा देखी अद्वैत को भी कंप्यूटर का अच्छा खासा ज्ञान हो गया था। अद्वैत ठाकुर ने महज 9 साल की उम्र में अपनी पहली website लांच करी और 12 साल की उम्र में अपनी खुद की टेक कम्पनी apex infosys india खड़ी कर दी जिसकी टोटल फंडिंग अमाउंट 2,60,73,600 इंडियन रूपये में है और इसी के साथ यह भारत के टॉप ग्लोबल टेक्नोलॉजी कम्पनी है. उनकी इस कम्पनी में लगभग 50 लोग कार्य करते हैं।

अद्वैत की दूसरी बड़ी कम्पनी Apex Business Solutions है। अद्वैत ठाकुर ने बच्चों के लिए टेक्नोलॉजी क्विज नाम की एक apps भी लांच किया, जिसमे हैरानी की बात यह रही कि google ने इस apps को 5 बार रिजेक्ट किया और छठवीं बार में एक्सेप्ट किया था। अद्वैत ठाकुर बताते हैं कि वे मार्क जुगरबर्ग जो फेसबुक और व्हाट्सअप के ceo हैं उनसे बहुत ज्यादा प्रभावित है। कुछ वर्षों से वे google के AI और cloudflare के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

वे एक गूगल बिंग और हॉटस्पॉट सर्टिफाइड प्रोफेशनर हैं। उनकी कम्पनी apex infosys india डोमिन नेम रजिस्ट्रार और एक संगठन है जो डिजिटल सल्यूशन की सेवा देती है। तो यह जानकारी थी Indian Young Entrepreneur अद्वैत ठाकुर के बारे में जिन्होंने कम उम्र में बहुत कुछ हासिल कर लिया अपने प्रतिभा के दम पर।

भारतीय युवा उद्यमी त्रिशनित अरोड़ा

Indian Young Entrepreneur Trishneet Arora 1

सन 1993 में पंजाब के लुधियाना में जन्मे त्रिशनित अरोड़ा बचपन से कम्प्यूटर और हैकिंग में दिलचस्पी रखते थे, सुरुवात से ही सीखने की इस ललक ने त्रिशनित अरोड़ा को कम उम्र में ही एक उद्यमी बना दिया। बचपन से हैकिंग का इतना ज्ञान था की उन्होंने हैकिंग से संबंधित कुछ किताबे भी लिख डाली – जो इस तरह है

  • हैकिंग वीथ त्रिशनित अरोड़ा
  • द हैकिंग इरा
  • हैकिंग विथ स्मार्ट फोन

उन्होंने मात्र 21 वर्ष की उम्र में TAC security नाम की कम्पनी स्थापित कर दी यह कम्पनी cyber security की जांच करने वाली कम्पनी है। आज के समय में बड़ी-बड़ी कम्पनिया इनके क्लाइंट है जिसमे सरकारी संस्थान भी शामिल है

TAC Security company की क्लाइंट्स –

  • रिलांयस कम्पनी
  • अमूल कम्पनी
  • सी बी आई कम्पनी
  • पंजाब पोलिस
  • गुजरात पोलिस, etc को यह कम्पनी सेवाएं देती है।

अगर निवेश की बात की जाय तो विजय कपाड़िया, IBM vice president william may. etc ने इस कम्पनी में निवेश किया है। इस कम्पनी की आफिस दुबई और यूनाइटेड किंगडम जैसे अन्य देशो में भी है साथ ही US में भी इनका ऑफिस का सुरवात हुआ है।

cyber security के संस्थापक त्रिशनित अरोड़ा को कई अवार्ड और सम्मान भी प्राप्त हो चुके है, पंजाब के मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस के सुभ अवसर पर उन्हें स्टेट अवार्ड से भी नवाजा है।

2015 में उन्हें पंजाबी आइकन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चूका है। इसके अलावा वे सबसे प्रभावशाली युवा 50 लिस्ट में भी शामिल हो चुके हैं। तो ये थे indian young entrepreneurs त्रिशनित अरोड़ा जिनके जीवन से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं।

भारतीय युवा उद्यमी अखिलेन्द्र साहू

Indian Young Entrepreneur Akhilendra Sahu

मध्यप्रदेश के नरसिह पुर में जन्मे अखिलेन्द्र साहू भारत के युवा उद्यमियों में से एक है जिन्होंने बहुत कम समय में अपने कड़ी मेहनत से सफलता हासिल करी है। अखिलेन्द्र साहू ASTNT technologies pvt ltd और technical next technologies के founder और CEO हैं। इसके अलावा अन्य कई कम्पनिया इनके द्वारा स्थापित की गयी है ये अपनी कंपनियों के माध्यम से देश-विदेशों में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं।

और यह सब अखिलेन्द्र साहू ने केवल 19 वर्ष की उम्र में ही कर दिखाया। वे जब 17 साल के थे तभी से उन्हें कुछ कर दिखने की चाह थी इसलिए उन्होंने फ्रीलांसिंग से अपनी करियर की सुरुवात करी, परिवार का पूरी तरह सहयोग ने उनका रास्ता आसान कर दिया। इसमें कोई सक नहीं है कि अखिलेन्द्र साहू आज के युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है इस young entrepreneurs से जरूर हमें कुछ ना कुछ सीखना चाहिए।

युवा महिला उद्यमी कविता शुक्ला

Woman Entrepreneur Kavita Shukla

भोजन का महत्व और कीमत को आप अच्छे से जानते ही होंगे क्या आपको पता है कि भोजन का लगभग 25% हिस्सा ख़राब हो जाने के वजह से नष्ट हो जाता है। भोजन के ख़राब होने की समस्या को ध्यान में रखते हुए उद्यमी कविता शुक्ला ने फ़्रेसपेपर का आईडिया दिया, कविता शुक्ला the Freshglow.co की संस्थापक और CEO हैं।

इन्होने अपने idea से फलों और सब्जियों को लम्बे समय तक fresh रखने के लिए फ्रेशग्लोव कंपनी की स्थापना किया जो फ़्रेशपेपर का निर्माण करती है। कविता शुक्ला का फ़्रेशपेपर का ides बिल्कुल नया और परिवर्तन लेन वाला था, इस कारण उन्हें कई प्रकार के पुरुष्कारों से सम्मानित किया गया।

फ़ोर्ब्स ने उन्हें दुनिया में परिवर्तन लाने वाले 30 उद्यमियों के लिस्ट में शामिल किया साथ ही टाइम्स ऑफ इण्डिया ने फ़ूड के क्षेत्र में बेहतरीन करने वाले 5 उद्यमियों के लिस्ट में कविता शुक्ला का नाम शामिल किया। वे कई अंतर्राष्ट्रीय सम्मान अपने नाम कर चुकी हैं तथा इंडेक्स डिजाइन टु इम्प्रूव लाइफ पुरस्कार प्राप्त करने वाली कम उम्र की महिला उद्यमी है।

भारत के युवा उद्यमी दीपेंद्र गोयल

Indias Young Entrepreneur Deependra Goyal

आज के समय में सायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने ZOMETO का नाम नहीं सुना होना आप में से कइयों ने तो zometo से खाना आर्डर भी किया होगा परन्तु क्या आपको zometo की सुरुवात कैसे हुई इसके बारे में पता है, अगर पता नहीं हो तो चलिए जानते हैं। दीपेंद्र गोयल और पंकज चड्डा दोनों ने मिलकर zometo का आविष्कार किया परन्तु जोमेटो की सुरुवात इतना सरल नहीं था इसके पीछे भी एक लम्बा सफर था जो कई मुश्किलों से होकर गुजरा।

जोमेटो के संस्थापक दीपेंद्र गोयल का जन्म पंजाब के मुत्तसर में हुआ उनके माता पिता दोनों शिक्षक थे। वे पढाई के बाद जॉब के लिए सलेक्ट हो गए थे और उनका जॉब के साथ कॅरियर अच्छा खासा चल रहा था। परन्तु दीपेंद्र गोयल के मन में हमेसा बिजनेस करने का idea आता रहता, वे ज्यादातर बिजनेस के बारे में ही सोचते थे। सुरुवात में उन्होंने foodiebay नाम की एक website बनाई जिसमे वे होटल के मेन्यू कार्ड प्रोवाइड कराते थे और उन्हें यह idea तब आया जब वे देखते की लोगों का ज्यादा से ज्यादा समय होटल के मेन्यू कार्ड देखने में चले जाते हैं।

सुरुवात में बहुत कम होटलों का मेन्यू उपलब्ध था परन्तु लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया को देखते हुए दीपेंद्र गोयल ने होटलों और मेन्यू की संख्या बढ़ा दी। सुरुवात में उन्होंने यह कार्य केवल लोगों के फायदे के लिए किया परन्तु बढ़ती मांग और पॉपुलरिटी को देखते हुए उन्होंने इसे एक व्यवसाय में परिवर्तित करने का सोचा।

इस तरह 2008 में zometo को सुरुवात करने का idea मिला। zometo एक ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी कम्पनी है, अब ये केवल होटलों के मेन्यू कार्ड प्रोवाइड नहीं कराते थे बल्कि अब हम इससे खाना ऑर्डर भी कर सकते थे। सुरुवात में यह केवल दिल्ली, मुम्बई और कोलकाता तक ही सिमित था बाद में इसका विस्तार पुरे देश- विदेश में हो गया। zometo के भविष्य को सायद Naukri.com के फाउंडर sanjeev bikhchandani जानते थे

इसलिए उन्होंने सुरुवात में ही zometo पर इनवेस्टमेंट किया और वह इन्वेस्टमेंट अमाउंट था 1 मिलियन डॉलर का। हालांकि बाद में कई बड़े कम्पनियों ने इसमें इन्वेस्टमेंट किया जैसे – sequoia capital, info edge, etc. आज के टाइम पे zometo 24 देशों में अपनी सर्विस प्रोवाइड कराती है परन्तु ऐसा नहीं है कि zometo में उतार चढ़ाव ना आया हो, 2014 तक यह कम्पनी लगभग घाटे में चल रही थी

परन्तु अचानक internet के बढ़ते विकास ने zometo का भी विकास कर दिया। zometo को सबसे बड़ा फायदा तब हुआ जब उन्होंने अपनी apps लांच करी। आज आप zometo की पॉपुलरिटी और इसकी सफलता को स्वयं जानते हैं तो यह स्टोरी है young indian entrepreneurs दीपेंद्र गोयल की जिन्होंने कई ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी कम्पनी होते हुए भी अपना अलग मुकाम बनाया। और ये आज सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं।

भारतीय टेक्नॉलाजी उद्यमी दीपक रवीन्द्रन

Indian Technology Entrepreneur Deepak Ravindran

उद्यमी दीपक रवीन्द्रन ने question technologies का स्थापना किया जिसमे लोग दूसरे लोगों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब SMS टेक्स्ट के रूप में दे सकते हैं।

दीपक रवीन्द्रन ने lookup नाम का मैसेजिंग apps भी लांच किया है साथ ही इन्होने INNOZ technologies नाम की कम्पनी की सुरुवात अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर सुरु करी।

SMS gyan भी दीपक रवीन्द्रन का उद्यम है जिसमे मौसम, स्टॉक कीमत, मूवीस इत्यादि जानकारी का उपयोग 350 लाख से ज्यादा लोगों करते हैं। इस तरह Indian Technology Entrepreneur दीपक रवीन्द्रन युवा वर्ग के लिए एक प्रेरणा हैं।

भारतीय उद्यमी सचिन बंसल और बिन्नी बंसल

Indian Young Entrepreneurs Sachin Bansal And Binny Bansal

बहुत ही कम लोग होंगे जो फ्लिपकार्ट को नहीं जानते होंगे flipkart एक online शॉपिंग कम्पनी है जिसमे लगभग हर तरह के प्रोडक्ट online बेचे जाते हैं। flipkart का सुरुवात बड़ा ही मजेदार और प्रेरणा भरा रहा।

सचिन बंसल और बिन्नी बंसल जो फ्लिपकार्ट के फाउंडर है दोनों ही चंडीगढ़ के रहने वाले हैं दोनों ने IIT दिल्ली से कम्प्यूटर साइंस की पढाई करी है। दोनों का बैकग्राउंड लगभग सामान था इसलिए उनकी सोच काफी मिलती जुलती थी।

सुरुवात में सचिन बंसल और बिन्नी बंसल amazon के लिए कार्य किया करते थे यहीं से उन्हें खुद का ई कामर्स प्रोडक्ट सेलिंग website बनाने का आईडिया मिला। दोनों ने अपने खुद का बिजनेस स्टार्ट करने के लिए amazon की नौकरी छोड़ दी ये बहुत बड़ा फैसला था।

फिर 2007 में उन्होंने flipkart नाम से अपनी online स्टोर खोली, सुरुवात में वे केवल books बेचा करते थे। starting में उन्होंने कड़ी मेहनत भी करी वे खुद अपने स्कूटर पर जाकर सामान डिलीवर किया करते थे। उनकी मेहनत रंग लाने लगी और 2008-09 में उन्होंने 40 मिलियन की बिक्री कर ली

फ्लिपकार्ट पर लोगों के भरोसे का सबसे बड़ा कारण था कैश ऑन डिलीवरी पद्धति, जो उससे पहले कभी उपयोग नहीं किया गया था। लोग पहले सामान को पसंद करना देखना और फिर खरीदना चाहते थे। सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने लोगो की इस जरुरत को समझा इसलिए वे कम समय में कामयाब बिजनेस कर सके।

इसी बीच फ्लिपकार्ट पर कई कम्पनियों ने इनवेस्टमेंट करना शुरू कर दिया, देखते ही देखते फ्लिपकार्ट बहुत बड़े पैमाने पर विकसित हो गयी। 2014 में flipkart ने myntra.com जो एक फैशन ब्रांड कम्पनी है को 2000 करोड़ में खरीद लिया इसके अलावा कई अन्य कम्पनियों को भी फ्लिपकार्ट ने खरीद लिया।

फिर वह दिन भी आया जब सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने अपने उद्यम फ्लिपकार्ट को 16 बिलियन डॉलर में वॉलमार्ट को बेच दिया। आज बिन्नी बंसल खुद की बैंक खोलने की तैयारी में है। साथ ही उन्होंने OLA में भी अच्छा खासा अमाउंट निवेश किया है।

पे टी एम के जनक उद्यमी विजय सेखर शर्मा

Founder Of Paytm Entrepreneur Vijay Sekhar Sharma

PAYTM के CEO विजय सेखर शर्मा की story किसी प्रेरणा से कम नहीं है अंग्रेजी में पूरी तरह कमजोर होने के बाद भी वे अपने प्रयास और मेहनत से एक नया बदलाव लेकर आये और अमीरों की लिस्ट में खुद को 47 वे नम्बर पर खडा कर दिए। विजय सेखर शर्मा का जन्म 1973 को उत्तरप्रदेश के अलीगढ में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ उनके पिताजी और दादाजी शिक्षक थे इसलिए बचपन से ही वे पढाई में तेज़ थे

परन्तु उनकी इंग्लिश बड़ी कमजोर थी जिसके कारण उन्हें कई समस्याएं आयी बचपन से सामने बेंच में बैठने वाले विजय सेखर को इंजीनियरीन के दिनों में लास्ट बेंच में बैठना पड़ा, यहाँ तक की अंग्रेजी में ही कम नम्बर के कारण उनका IIT में सलेक्शन नहीं हो पाया। परन्तु अगर देखा जाये तो इन्ही कारणों से उन्हें कुछ अलग करने की प्रेरणा मिली,

वे collage के बजाय लाइब्रेरी में अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारा करते थे वहा वे सफल लोगों की जीवनी और उनके कार्य के बारे में पढ़ा करते थे। धीरे-धीरे विजय सेखर शर्मा कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग और कोडिंग सिखने लगे और अपने इंग्लिश की सुधार पर भी काफी ध्यान दिया। इसी बीच 1997 में विजय सेखर ने अपने दोस्त के साथ मिलकर indiasite.net को बनाया और अन्य कई प्रोजेक्ट पर काम करी। 2 साल बाद एक अमेरिकन कम्पनी ने 1 मिलियन डॉलर में इस वेबसाइट को खरीद लिया।

फिर साल 2001 में अपने दो दोस्तों का समूह बनाकर, और प्रत्येक दोस्त 5-5 लाख रूपये मिलाकर उन्होंने one97 नाम की कम्पनी बनायीं। जो जोक्स, SMS, न्यूज़, रिंगटोन इत्यादि सेवाएं प्रदान करती थी। परन्तु यह कम्पनी ज्यादा समय तक नहीं चली हालात इतने बुरे हो गए कि अपने कर्मचारियों को भारी ब्याज पर लोन लेकर पेमेंट करना पड़ा। परन्तु विजय सेखर शर्मा इन असफलताओं से सीखते गए,

अब वे समझ गए थे कि किस तरह सफलता प्राप्त की जाये उन्होंने one97 कम्युनिकेशन के अंतर्गत ही paytm.com की सुरुवात 2009 में की। यह एक मोबाईल रिचार्ज कम्पनी थी हालांकि उस समय अन्य मोबाईल रिचार्ज website थी परन्तु paytm उन सब से बेहतर था।

धीरे-धीरे paytm ने अपने प्रोग्राम में मोबाईल रिचार्ज के साथ-साथ, वॉलेट, बिल पेमेंट, पैसे ट्रांसफर, ऑनलाइन शॉपिंग इत्यादि अनेक फीचर्स ऐड किये। आज के समय में यह भारत की सबसे बड़ी मोबाईल रिचार्ज ई कॉमर्स कम्पनी बन चुकी है। जिसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि PAYTM में जैक मा, रतन टाटा और शेयर मार्केट के भगवान कहे जाने वाले वॉरेन बफे ने निवेश किया हुआ है। तो यह story थी Indian Young Entrepreneurs विजय सेखर शर्मा की जिनकी उपलब्धि हर व्यक्ति के लिए जानने योग्य है।

Indian Young Entrepreneurs की लिस्ट में सैकड़ों उद्यमी है जिनकी कहानी प्रेरणा से कम नहीं है, परन्तु सभी उद्यमियों के बारे में एक लेख में ही लिख पाना संभव नहीं है। इसलिए हम आने वाले समय में अन्य Indian Young Entrepreneurs की लिस्ट तैयार करेंगे जिससे आप भारत के सभी युवा उद्यमियों को अच्छे से जान सकेंगे।

निष्कर्ष

दोस्तों कोई भी व्यक्ति छोटा नहीं होता और सबका अपना-अपना टैलेंट skills होता है, जरूरत है तो केवल अपने उस skills को पहचानने की और अपने फिल्ड में best से best देने की। फिर देखना सफलता कैसे आपके पास नहीं आती, आप Indian Young Entrepreneurs in hindi लेख को पढ़कर समझ ही गए होंगे कि उम्र कोई मायने नहीं रखती, केवल आपके skills ही आपको बड़ा या छोटा बनाती है

friends सफलता भी मेहनत की गुलाम होती है इसलिए मेहनत करो सफलता अपने आप आएगी.

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This Post Has 7 Comments

  1. Akshay Kumar markam

    आपके द्वारा दी गई जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है इसे पढ़ कर मुझे प्रेरणा मिली इसे अपने दोस्तो से साझा जरूर करूंगा..!! इसी तरह की और भी प्रेरक आर्टिकल लिखते रहे…!

    1. satyajeet singh

      बहुत-बहुत धन्यवाद भाई आपके अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए

  2. Amit kumar

    आपके content बहुत अच्छा लगा भाई मेहनत करते रहो एक दिन साफलता ज़रूर मिलेगी….

    1. satyajeet singh

      बहुत बहुत धन्यवाद भाई, आपको हमारा लेख अच्छा लगा हम तभी सफल हो गए

    1. satyajeet singh

      धन्यवाद आपका प्रतिक्रिया के लिए

  3. Manju

    Very nice & encourageble news… Thanks

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