Gram benefits in hindi : चना को गरीबों का भोजन भी कहा जाता है, परन्तु कहीं ना कहीं हम चने को अनदेखा कर देते हैं. या उसके असल महत्व को समझ नहीं पाते. आयुर्वेद में भी चने को ऐसा औषधि बताया गया है जिसके रोजाना उपयोग से हमारा शरीर घोड़े जैसा फुर्तीला बन सकता हैं, केवल एक मुट्ठी चना हमें ताकतवर और स्वस्थ बनाने के लिए पर्याप्त है.
चने की ताकत को इस प्रकार से समझा जा सकता है – आप जानते होंगे की घोडा चना खाता है. इंजन व मोटर की शक्ति को मापने में हॉर्स पावर पैमाने का उपयोग किया जाता है. हालाँकि और भी कई ताकतवर जानवर हैं जैसे कि – हांथी, परन्तु क्या एलिफेंट पावर पैमाना उपयोग करते हैं.
नहीं ।।। क्योंकि घोडा आलस्य और सिथिल नहीं होता वह स्फूर्ति और सुडौल शरीर का प्रतिक है. अगर मोटर की पावर को हॉर्स पावर से मापा जाता है और हार्स (घोडा) घास के साथ-साथ चना खाता है तो अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि चना में कितनी शक्ति होती है.
देखा जाये तो चना कम कीमत पर अत्यधिक लाभ का स्त्रोत है इस लेख – चना खाने के फायदे (Gram benefits in hindi) के माध्यम से हम चना के गुण व उसके फायदे को बारीकी से जानेंगें.
चना कहां-कहां पाया जाता है?
भारत में चना मुख्य रूप से उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र में पाया जाता है, पुरे भारत का 95% चना इन्ही राज्यों में उगाया जाता है.
विभिन्न राज्यों में राज्य सरकार द्वारा चना को राशन के साथ वितरित (जो गरीबी रेखा कार्ड धारक है उन्हें) किया जा रहा है. हालांकि यह अधिकांश राज्यों में वितरित नहीं हो रहा है.
चना में पाए जाने वाले पोषक तत्व
चना विभिन्न प्रकार की बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है. साथ ही दिमाग को तेज व चेहरे की सुंदरता और चमक बढ़ाता है. चना में पाए जाने वाले पोषक तत्व है –
- प्रोटीन
- कार्बोहाइड्रेड
- आयरन
- कैल्शियम और
- विटामिन्स
अंकुरित चना खाने के फायदे – benefits of eating sprouted gram
अंकुरित चना में विटामिन्स, क्लोरोफिल, फास्फोरस व मिनरल्स पाए जाते हैं इसलिए स्वास्थ्य के नजरिये से अंकुरित चना बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है. अंकुरित चना का अधिक मात्रा में फायदा लेने के लिए काला चना का उपयोग करें, चना के साथ-साथ जिस पानी में चना को भिगोया जाता है वह भी बहुत लाभदायक होता है इसलिए पानी को फेकने के बजाय पीना चाहिए.
चना को अंकुरित करने की विधि – how to germinate a gram
चना को अंकुरित करने के लिए इसे रातभर पानी में भीगने दें और फिर सुबह इस चना को पानी से निकालकर किसी कपडे में लपेट या बांध दें (ध्यान रखें कपडा अत्यधिक कसा हुआ ना हो) इस कपडे में बीच-बीच में पानी के छींटे मारते रहें.
अब दूसरे दिन से चना अंकुरित होने लगेगा, इस अंकुरित चने का गजब का फायदा है. इसमें आप निम्बू, अदरक, काली मिर्च पावडर, व सेंधा नमक डालकर नास्ते में खा सकते हैं और भरपूर स्वाद के साथ पोषक तत्व का फायदा उठा सकते हैं. इसे नास्ते के रूप में लेकर आप स्वयं को पूरा दिन तरो-ताजा रख सकते हैं.
चने के अन्य घरेलू नुस्खों या उपचार में उपयोग – Gram benefits in hindi
1. सुंदरता बढ़ाने के लिए चना बेसन का उपयोग
चना को पीसकर प्राप्त हुआ बेसन से चेहरा धोने से दाग, धब्बे और झाइयां दूर होती है और चेहरे में निखार आता है. तेज धुप, गर्मी और लू से चेहरे को बचाने के लिए बेसन को दूध या दही में मिला लेना चाहिए और फिर इस लेप को सुबह-शाम कम से कम आधे घंटे के लिए अपने चेहरे पर लगा रहने देना चाहिए फिर इसे धो लें आपका रूप निखर उठेगा.
चने की भीगी हुई दाल को पीसकर उसमे हल्दी व कुछ बून्द तेल (कोई सा भी) की डालकर उबटन बनाये और चेहरे पर लगाएं इससे चेहरे को बहुत अधिक फायदा होता है. भीगे हुए चने को दूध के साथ पीसकर इसमें शहद और हल्दी मिलाएं और रोजाना इसको चेहरे पर लगाएं इससे आपके चेहरे पर निखार आता है.
2. त्वचा का कालापन हटाने के लिए चना बेसन का उपयोग
12 चम्मच बेसन 3 चम्मच दही या दूध, थोड़ा सा पानी मिलाकर एक पेस्ट बनायें और फिर इस पेस्ट को चेहरे व पुरे शरीर पर लगाएं कुछ देर बाद जब नहाने जाएँ तो साबुन का उपयोग ना करें इस तरह पेस्ट का रोजाना उपयोग से त्वचा का कालापन दूर हो जायेगा.
3. बल (शक्ति) बढ़ाने के लिए चना का उपयोग
भीगे हुए चने का पानी को शहद के साथ मिलाकर पिने से किसी भी कारण से हुई नपुंसकता दूर होती है और कमजोरी का भी खात्मा होता है. भीगे हुए चने को खाकर दूध पिने से वीर्य की मात्रा में वृद्धि होती है. 10 ग्राम चने की भीगी दाल और 10 ग्राम शक्कर दोनों को मिलाकर 40 दिनों तक खाने से पुरुषों की कमजोरी दूर हो जाती है इस बात का ध्यान अवश्य रखें की इसके सेवन के तुरंत बाद पानी ना पियें.
4. तैलीय त्वचा के लिए चना का उपयोग
गुलाब जल में बेसन मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा से तेलीय पन दूर होता है इसे पुरे शरीर में लगाया जा सकता है.
5. माता के दूध को बढ़ाने के लिए चना का उपयोग
यदि माता को दूध नहीं आ रहा हो जिससे बच्चे को दूध की परेशानी हो रही हो तब 62 ग्राम काबुली चने को रात को दूध में भिगो दें फिर सुबह इसे अलग-अलग कर लें और इस चना को चबा चबा कर खाएं, चना में भीगे दूध को गर्म कर पी लें इससे स्तनों में दूध आना शुरू हो जायेगा.
6. श्वेत प्रदर में उपयोगी है चना
आग में सिके हुए चना पीसकर उन में खांड मिलाकर दो से तीन चम्मच खाएं व दूध में देसी घी मिलाकर पियें इससे श्वेत प्रदर की समस्या दूर होती है.
7. बार-बार पेशाब लगने की समस्या के लिए चना
अगर बार-बार पेशाब आने की समस्या हो तो 60 ग्राम आग में भुने हुए चना गुड़ के साथ खाएं दस दिन इसके सेवन से बार-बार पेशाब आने की समस्या समाप्त हो जाएगी (बुजुर्गों को इसका सेवन अधिक दिनों तक करना चाहिए).
8. मधुमेह रोगियों के लिए चना के लाभ
कम से कम 25 ग्राम काले चने रात में भिगोकर रख दें और सुबह होने पर इसे खाली पेट खाएं, यदि जौ और चने की सामान मात्रा मिलाकर रोटी बनायीं जाये और दोनों समय खायी जाये तो इससे भी लाभ होता है.
9. मस्तिष्क में गर्मी के कारण उत्पन्न उन्माद के लिए चना
रात में भिगाये हुए चने की दाल को सुबह पीसकर उसमे चीनी व पानी मिलाकर पीने से मस्तिष्क में गर्मी के वजह से जो उन्माद उत्पन्न होता है उसे शांत किया जा सकता है.
10. खुनी बवासीर में चने से लाभ
अगर भुने हुए चने को गर्म-गर्म रोजाना सेवन किया जाये तो सुरुवाती स्टेज के खुनी बवासीर को ठीक किया जा सकता है.
11. कब्ज की समस्या में चना से फायदा
थोड़ी मात्रा में चना लेकर रात में भिगो दें, सुबह उठकर इस चने में जीरा व सोंठ पीसकर मिला ले और खाएं, चना भिगोया हुआ पानी को भी पी लें, इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी.
12. चर्म रोग के लिए फायदेमंद चना
अगर चना आटे की रोटी कम से कम 60 दिनों तक खाया जाये (इस रोटी में नमक का प्रयोग ना किया गया हो) तो इससे चर्म रोग सम्बंधित समस्याएं जैसे दाद, खाज, खुजली आदि नहीं होते, अगर यह समस्याऐं आपको पहले से हैं तो वह भी ठीक हो जायेगा.
13. निम्न रक्तचाप के लिए चना का उपयोग
काला चना 20 ग्राम और दस ग्राम किशमिश को रात में भिगो दें फिर सुबह-सुबह रोजाना खाली पेट इसका सेवन करें इससे रक्तचाप में लाभ होता है. काले चने का रोजाना सेवन से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती तथा इसमें मौजूद फास्फोरस और आयरन नई रक्त कोशिकाओं को बनाने में सहायक होता है.
साथ ही यह हीमोग्लोबिन की मात्रा को भी बढ़ाता है जिससे एनीमिया जैसे बिमारियों से बचा जा सकता है अगर आप इसका सेवन गुण के साथ करते हैं तो यह आपके लिए बेस्ट है.
14. पीलिया रोग के लिए लाभदायक चना
भीगे हुए चने की दाल को गुड़ के साथ मिलाकर खाने से पीलिया में फायदा होता है.
15. कफ की समस्या के लिए चना का उपयोग
भुने हुए चना को रात को सोने के समय खाएं और गर्म दूध पी लें इससे श्वास नली सम्बंधित अनेक रोग दूर हो जाते हैं.
निष्कर्ष
जिस तरह मूंगफली को गरीबों का बादाम कहा जाता है उसी तरह चना को भी गरीबों का बादाम कह सकते हैं. क्योकि चना सस्ता होते हुए भी अनेक गुणों और फायदों से भरपूर है. आज के समय में लोग फ़ास्ट फ़ूड या जंक फ़ूड के बजाय इसी प्रकार के सलाद का आनंद उठा रहे हैं क्योकि ये सलाद पोषक तत्व के साथ-साथ स्वाद के मामले में भी कम नहीं है. आप भी चने को अपने रोजान की जिंदगी में शामिल कीजिये और स्वस्थ रहिये.
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अंतिम शब्द
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