योगासन का हमारे जीवन में कितना महत्व है यह तो आप जानते ही होंगे योगासन ही एक ऐसी क्रिया है जिससे मन और तन दोनों को स्वस्थ और मजबूत रखा जा सकता है आज के हमारे इस topic बच्चों और महिलाओं के लिए योगासन में हम कुछ ऐसे योगासनों की बात करेंगे जिसे कोई भी महिला व बच्चे बड़ी आसानी से कर सकते हैं और इसका फायदा उठा सकते हैं
ऐसे कई लोग हैं जिनका प्रश्न होता है कि 5 साल या उसके आस-पास के उम्र के बच्चो को कौन सा व्याम करना चाहिए, तो नीचे दिए गए योगासन छोटे बच्चों और महिलाओं (स्त्रियों) दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। आइये इस योगासन को करने के तरीके विधि और इसके लाभ के बारे में जानते हैं।
धनुरासन (Bow pose)
यह आसन दो शब्दों से मिलकर बना है धनुर और आसन जिसमे धनुर का अर्थ – धनुष है, और आसन अर्थात – मुद्रा इस आसन को करते समय व्यक्ति का शरीर धनुष के सामान दिखाई देता है इसलिए इसे धनुरासन कहते हैं।
धनुरासन करने की विधि
धनुरासन करने के लिए जमीन पर चटाई बिछा कर लेट जाए, दोनों पैरो के घुटनो को मोड़ कर एड़ियों को कूल्हों पर टिकाये, अब अपने हांथो से तखनो को पकड़ ले और जितना हो सके आप अपने जांघो और छाती को ऊपर उठाये। इस मुद्रा को बार-बार दोहराये।
धनुरासन के लाभ व फायदे
धनुरासन योग पाचन क्रिया तेज़ करने में बहुत ही लाभकारी है, और नियमित करने से पेट और जांघ के वसा मोटापा को कम करता है, बाजू और जांघो को मज़बूत करता है साथ ही रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद है। अस्थमा, फेफड़ो से सम्बंधित समस्या, कब्ज, स्वास सम्बन्धी समस्या, पीठ दर्द, चिंता, थकान, मासिक धर्म सम्बंधित परेशानी आदि में लाभदायक है।
सेतुबंधासन (Bridge pose)
इस आसन का नाम नाम दो शब्दों सेतु अर्थांत पुल और बंध का मतलब बाँध कर रखना से है। इसमें शरीर का आकर एक सेतु बाँध की तरह दिखाई देता है।
सेतुबंधासन योगासन
सेतुबंधासन करने की विधि
पहले पीठ के बल लेट जाए और अपने भुजाओ को धड़ के साथ रख ले अब टांगों को मोड़कर पैर को अपने कूल्हे के जितना करीब हो सके ले आये। हांथो पर बल देते हुए धीरे-धीरे कूल्हे को ऊपर उठाये, ऐसा करते समय स्वास अंदर ले, पैरो को मजबूती से टिका के रखे और पीठ को जितना मोड़ा जा सके उतना ही मोड़ें। अब दोनों हांथो को जोड़ ले और अपनी नजर सीधा छत वगरा में या अपने नाक पर रखे, ऐसा बार-बार करे
सेतुबधासन के लाभ, फायदे
छाती, गर्दन व रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद है, तनाव दूर करके मस्तिष्क को सांत रखता है, पाचन के लिए बेस्ट है फेफड़ो और टांगो को इससे बहुत फायदा होता है। चिंता, थकान, पीठदर्द, कमरदर्द और अनिद्रा में बहुत लाभदायक है।
मार्जरासन (Cat pose)
मार्जरासन या मार्जरी आसन इसे दोनों नामों से बुलाया जाता हैं। यह एक संस्कृत भाषा का शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है। जिसमें “मार्जरी” शब्द का अर्थ “बिल्ली” होता है और “आसन” का अर्थ “मुद्रा, स्थिति” होता है। इस आसन को करने वाला व्यक्ति एक बिल्ली के समान दिखाई देता है इसलिए इसे Cat pose कहते है। मार्जरी आसन को अंग्रेजी में कैट पोज़ (Cat pose) के नाम से बुलाया जाता है।
मार्जरासन योगासन
मार्जरासन (Cat pose) आसन को करने के लाभ
इस आसन को करने से रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों का लचीलापन बना रहता है। मार्जरी आसन एक आगे की ओर झुकने और पीछे मुड़ने वाला योग आसन है। यह आसान दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह आसन आपके शरीर के लिए अनके प्रकार से लाभदायक हैं, यह आसन रीढ़ की हड्डी को एक अच्छा खिंचाव देता हैं। इसके साथ यह पीठ दर्द और गर्दन दर्द में राहत दिलाता है।
भुजंगासन (Cobra pose)
इस आसन की विशेस्ता यह है की, इस आसन को करते समय व्यक्ति फन उठाये सर्प के सामान दिखाई देता है, इसलिए इसे भुजंगासन या सर्पासन, संस्कृत में भुजंगसन और अंग्रेजी में cobra pose कहा जाता है।
भुजंगासन योगासन
भुजंगासन करने के लाभ व फायदे
भुजंगासन के अनेक लाभ है जैसे रीढ़ की हड्डी को मज़बूत बनाती है। पीठ को लचीलापन बनाने में, फेफड़ो से सम्बंधित अनेक बीमारियों, फेफड़ो को सुद्ध करने, दमा, पुरानी खासी, पेसियो को मज़बूत बनाते में, पित्ताशय की क्रियाशील बढ़ाने में, व पाचन प्रणाली के फायदे के लिए, और पेट के चर्बी के लिए इन सब के लिए बहुत लाभदायक है साथ ही सर पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है जो मस्तिष्क के लिए बहुत लाभदायक है, कब्ज और बवासीर में भी आराम मिलता है।
पेट रोग या पीठ में दर्द जैसी तकलीफ में यह योगासन अवश्य करें
भुजंगासन करने सम्बंधित सावधानियां
जैसे इस आसन को करते समय अचानक पीछे न मुड़ें इससे छाती और पीठ की मांसपेसियों में तनाव हो सकता है और बाहों व कंधों में ज्यादा बल देने से दर्द की संभावना भी रहती है।
शवआसन (Corpse pose)
इस आसन में शरीर की स्थिति किसी मरे हुए सव के समान हो जाती है, इसलिए इसे सवासन कहा जाता है, इस आसन में पुरे शरीर को सिथिल कर दिया जाता है, और शरीर, मन, आत्मा सब शान्त हो जाती है सरीर में एक ऊर्जा और स्फूर्ति की प्रवाह सी होने लगती है, इस योगमुद्रा को कम से कम 2 मिनट तक करना चाहिए।
शवआसन योगासन
सवआसन करने के लाभ
सवआसन ऐसी योग है जिसे हर उम्र का व्यक्ति कर सकता है चाहे वह बच्चे, बूढ़े, जवान कोई भी हो यह तनाव दूर करने और रक्तचाप को सामान्य रखने के लिए बहुत ही अच्छी योग प्रक्रिया है, इस योग से अनिद्रा जैसे समस्या भी समाप्त होती है और शरीर ऊर्जा स्फूर्ति से भरा-पूरा रहता है।
सवआसन करते समय निम्न सावधानियां बरतें
आँखे बंद रखे और शरीर को ढीला छोड़ दे स्वसन की स्थिति में शरीर को हिलाये-डुलाये नहीं, ध्यान केवल स्वास पर ही केंद्रित हो, बाद में धीरे-धीरे ध्यान को शरीर में लाये।
गौमुखासन (Cow face pose)
यह आसन तीन सब्दो से मिलकर बना है गौ+मुख+आसन गौ अर्थात गाय, मुख अर्थात मुँह और आसान योगमुद्रा, इस योग में शरीर गाय के मुख के समान हो जाता है, इसलिए इसे गौमुखासन (cow face pose) कहते है।
गौमुखासन योगासन
गोमुखासन करने के लाभ
गौमुखासन से जांघो, कूल्हों, ऊपरी पीठ, ऊपरी बाह और कंधो की मासपेशियो मजबूत होती है। थकान तनाव और चिंता वाले लोगों के लिए सबसे अच्छा आसन है गौमुखासन। यह मधुमेह की शुरुआत होने वाली संभावनाओं को कम करता है। साथ ही पीठ दर्द, साएटीका, गठिया, कन्धे व गर्दन दर्द में भी गौमुखासन लाभ दायक है।
गोमुखासन करते समय निम्न सावधानियां बरतें
गर्दन दर्द और कमर दर्द वाले लोग इस आसन को न करें।
सुखासन (Easy pose)
यह अपने नाम के सामान ही आरामदायक आसन है, ध्यान के लिए सुखासन महत्वपूर्ण आसन है और पद्मासन के लिए यह आसन विकल्प है।
सुखासन के लाभ
इस आसन को करने से रोगी का चित्त शांत होता है चित्त के एकाग्रता से मानसिक बल मिलता है मस्तिष्क का विकास होता है। सुखासन से पैरो में रक्त संचार कम हो जाता है और शरीर के अन्य अंगो में रक्त संचार होने लगती है जिससे उनमे क्रियाशीलता बढ़ती है। यह शरीर के सभी तनाव को हटाकर सकारात्मक ऊर्जा भरता है, छाती और पैरो को मजबूत बनाने में बहुत ही लाभदायक है, वीर्य रक्षा में भी सहायक है।
सुखासन करने से सम्बन्धित सावधानियां
अगर पैरो में अत्यधिक कस्ट हो तब यह आसन ना करें, साइटिका या रीढ़ के निचले भाग में आस-पास किसी भी प्रकार का दर्द या घुटने की गंभीर बिमारी वाले इस आसन को ना करे।
उत्थित पार्श्वकोणासन (Extended side angle pose)
एक्सटेंडेड साइड एंगल पोज़, व्यायाम के रूप में आधुनिक योग में एक आसन है। इसमें कई आवश्यक मांसपेशी समूहों का उपयोग करना शामिल है: पैर, टखने, कमर, छाती, फेफड़े, कंधे, रीढ़ और पेट।
उत्थित पार्श्वकोणासन योगासन
उत्थित पार्श्वकोणासन के लाभ, फायदे
आनंद बालासन (Happy baby pose)
यह आसान अपने भीतर के ऊर्जा की जागृति मन की जागृति और नियंत्रण के लिए किया जाता है, आनंद बालासन में व्यक्ति ऐसा दिखाई देता है जैसे कोई बच्चा अपने पैरो के साथ खेल रहा हो। यह एक आराम दायक और मज़ेदार योग है इससे शरीर में पोशक तत्तो के प्रवाह को नियंत्रित करता है।
आनंद बालासन के फायदे
शरीर को सुडोल बनाने व शरीर के अन्य हिस्सों के विकास के लिए आनंद बालासन लाभदायक आसन है, यह आसन करने से आपके कूल्हे के मांसपेशियों में खिंचाव आता है और उन्हें सुडौल बनाता है, आनंद बालासन करने से तनाव दूर होता है,इससे मन शांत रहता है। आनंद बालासन पीठ व कमर के दर्द को भी कम करता है, पाचन क्रिया में सुधार एवं कब्ज को दूर करने में यह आसन सहायक है, जांघों के अतिरिक्त चर्बी को कम करता है, हृदय गति को भी कम करता है, आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा भर देता है।
आनंद बालासन करने सम्बंधित सावधानियां
उच्च रक्तचाप वाले इस आसन को नहीं करें, गर्भावस्था के दौरान भी यह आसन नहीं करना चाहिए, पीठ, घुटने या गर्दन में चोट हो तो भी यह आसन आपको नहीं करना चाहिए। हर्निया में इस आसन को नहीं करना चाहिए।
वीरासन (Hero pose)
यह एक प्रकार का घुटनो में बैठने वाला आसान है।
वीरासन के लाभ व फायदे
इस आसन के नियमित अभ्यास से अधिक नींद आने की समस्या पर नियंत्रण हो सकेगा। जंघा और पांव शक्तिशाली बनते हैं, शरीर का भारीपन दूर होता है, श्वसन एवं ध्यान मुद्रा के संदर्भ में वीरासन काफी उपयोगी है, वीरासन योग (hero pose) में जंघाओं, घुटनों, पैरों एवं कोहनियों का व्यायाम होता है। इस मुद्रा से शरीर का पीछला भाग संतुलित रहता है, शरीर को सुडौल बनाए रखने के लिए भी यह योग लाभप्रद है, यह व्यायाम एकाग्र होने की योग्यता बढ़ाता है, इसका अति सुदृढ़ शान्तिदायक प्रभाव होता है और डर से मुक्त कर देता है। यह एक सहज पग महराब को प्रोत्साहित करता है।
वीरासन करते समय सावधानियां
पैरो में चोट की स्थिति में यह आसन ना करे, और यह आसन दोनों पैरो में बारी-बारी करें।
सुलभासन (Locust pose)
सुलभासन करते समय शरीर का आकर सलभ किट की तरह हो जाता है इसलिए इस आसन को सलभासन कहते है।
सुलभासन करने की विधि
स्वास लेते हुए अपना दायां पैर उठाये और पैरो को सीधा रखे, ध्यान दे कूल्हे पर झटका न आये, इस स्थिति में स्वास लेते रहे। फिर स्वास छोड़े और अपना दाए पैर निचे रखे, फिर यही प्रक्रिया बाए पैर के साथ भी दोहराये। दोनों हांथो की मुट्ठी बाँध कर अपने जांघ के निचे रखे। फिर स्वास लेते हुए दोनों घुटनो को सीधा रखे और पैरो को जितना हो सके ऊपर उठाये। फिर इसी स्थिति में स्वास छोड़े और अपने दोनों पैरो को निचे लाये और दोनों हांथो को निचे से हटा दे और आराम करे, यही प्रक्रिया फिर दोहराये।
सुलभासन (Locust pose) के लाभ व फायदे
इस आसन को करने से पीठ में लचीलापन व मजबूती आता है, हाँथ और कंधे भी सुलभासन से मजबूत होता है, पाचन क्रिया के लिए बहुत ही लाभदायक है साथ ही गर्दन और कंधो को मजबूत बनाता है।
ताड़ासन (Mountain pose)
यह आसन दो शब्दों से मिलकर बना है ताड़ अर्थात पर्वत और आसन का अर्थ योग मुद्रा, यह एक सरल और आसान आसन है, जिसके बहुत से लाभ है।
ताड़ासन करने की विधि
पैरो के बिच कुछ दुरी बनाते हुए खड़े हो जाए, दोनों हाथों अपने शरीर के पास में सीधा रखें, अब गहरी सांस लेते हुए अपनी दोनों बाजुओं को सिर के ऊपर, उठाएं और अपनी उंगलियों को आपस में बांध लें, हाथों को सीधा रखें और स्ट्रेच करें, अपनी एड़ी उठाते हुए अपने पैर की उंगलियों पर खड़े हो जाएं, इस दौरान, आपके शरीर में पैरों से लेकर हाथों की उंगलियों तक स्ट्रेच महसूस होना चाहिए, 10 सेकेंड के लिए इस स्थिति में रहें और सांस लेते रहें, अब सांस छोड़ते हुए, अपनी शुरुआती अवस्था में आ जाएं, यह आसन बार-बार दोहराएं।
ताड़ासन करने के लाभ
इससे पीठ दर्द में राहत मिलती है, पोस्चर को भी बहुत फायदा होता है ताड़ासन से, इसका सबसे अच्छा फायदा यह है की लम्बाई बढ़ाने के लिए फायदेमंद है। घुटनो के दर्द से आराम मिलता है और मानसिक विकास के लिए अच्छा आसन है यह संतुलन बनाने में मदद करता है
नमस्कार मुद्रा आसन (Salutation seal)
यह आसन दोनों हांथो को जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में किया जाता है यह बहुत सरल और बहुत ही लाभदायक आसन है।
नमस्कार मुद्रा आसन के लाभ
इस आसान से हृदय और मांसपेसियों को उत्तेजित करती है, और तनाव व चिंता से छुटकारा दिलाती है। इस आसान में ध्यान लगाने से एकाग्रता बढ़ती है और मन की शक्ति, आंतरिक सकती मजबूत होती है।
उर्ध्व हास्तासन (Upward salute)
यह आसन ताड़ासन की तरह ही होता है, इसमें केवल एंडी का फर्क होता है, यह आसन लम्बाई बढ़ाने में मददगार है।
उर्ध्व हास्तासन करने की विधि
upward salute करने से पहले सावधान की स्थिति में खड़े हो जाए फिर दोनों हांथो को उंगलियों को आपस में फसाकर ऊपर की ओर खींचे। फिर स्वास को खींचते हुए पहले दायी तरफ फिर बायीं तरफ झुके, ऐसा करते समय सामान्य स्वास ले
उर्ध्व हास्तासन के लाभ
इस आसन को करने से मोटापा कम होता है और शरीर सुडोल बनता है, इससे कमर का साइज पतला होता है और छाती चौड़ी होती है, कब्ज के लिए फायदेमंद आसन है साथ ही इस आसन को करने से लम्बाई बढ़ती है।
अधोमुखासन (upward facing dog pose)
अधोमुख श्वानासन देखने में बिल्कुल वैसा ही दिखता है जब कोई कुत्ता आगे की तरफ झुकता है। इस आसन को करने से हमें कई जबरदस्त फायदे होते हैं, जिन्हें पाने के लिए ये जरूरी है कि आप रोज इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करें। इस आसन की सबसे अच्छी बात यही है कि इस आसन को बेहद आसानी से कोई भी कर सकता है, साथ ही इसके बहुत से फायदे है।
अधोमुखासन के लाभ व फायदे
यह आसन रक्त संचार बढ़ाने में लाभदायक है, पाचन तंत्र को भी मज़बूत बनाता है, हाँथ पैरो के लिए बहुत ही फायदेमंद है, पेट की निचली मासपेशियो को मज़बूती प्रदान करता है और एंजाइम को कंट्रोल करने में सहायक है।
(नोट : कृपया इन योगासनों को करने से पहले अपने योग गुरु से सलाह अवश्य लें)
अंतिम शब्द
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरा यह लेख महिलाओं और बच्चो के लिए योगासन पसंद आए और आपके काम आये अगर यह लेख आपको उपयोगी लगा हो तो इसे अन्य लोगो के साथ shear अवश्य करें ताकि यह उनके भी काम आ सके – धन्यवाद,